No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Krishna Sharanam Mam: श्री कृष्णः शरणं मम | Surrender to Lord Krishna’s Divine Grace
Shri Krishna Sharanam mam (श्रीकृष्णः शरणं मम)
श्री कृष्ण शरणम मम: भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव के घर हुआ था, और उन्हें वृंदावन में नंद और यशोदा ने पाल-पोसा। चंचल और शरारती भगवान श्री कृष्ण की पूजा विशेष रूप से उनकी बाल्य और युवावस्था की रूप में की जाती है, जो भारत और विदेशों में व्यापक रूप से प्रचलित है। श्री कृष्ण शरणम मम: का उच्चारण करके भक्त भगवान श्री कृष्ण की शरण में आते हैं, यह मंत्र श्री कृष्ण की कृपा और संरक्षण प्राप्त करने का एक प्रमुख उपाय माना जाता है। श्रीकृष्णः शरणं मम
श्रीकृष्ण एव शरणं मम श्रीकृष्ण एव शरणम् ॥
(ध्रुवपदम्)
गुणमय्येषा न यत्र माया न च जनुरपि मरणम् ।
यद्यतयः पश्यन्ति समाधौ परममुदाभरणम् ॥ १ ॥
यद्धेतोर्निवहन्ति बुधा ये जगति सदाचरणम् ।
सर्वापद्भ्यो विहितं महतां येन समुद्धरणम् ॥ २ ॥
भगवति यत्सन्मतिमुद्वहतां हृदयतमोहरणम् ।
हरिपरमा यद्भजन्ति सततं निषेव्य गुरुचरणम् ॥३॥
असुरकुलक्षतये कृतममरैर्यस्य सदादरणम् ।
भुवनतरुं धत्ते यन्निखिलं विविधविषयपर्णम् ॥ ४ ॥
अवाप्य यद्भूयोऽच्युतभक्ता न यान्ति संसरणम् ।
कृष्णलालजीद्विजस्य भूयात्तदघहरस्मरणम् ॥ ५ ॥
इति श्रीकृष्णलालजीद्विजविरचितं 'श्रीकृष्णः शरणं मम'
नामक स्तोत्रं समाप्तम् ।
Related to Krishna
Shri Krishna Kavacham (Trilokya Mangal Kavacham) श्री कृष्ण कवचं (त्रैलोक्य मङ्गल कवचम्)
श्री कृष्ण कवचं, जिसे त्रैलोक्य मङ्गल कवचम् भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण के आशीर्वादों को तीनों लोकों में सुरक्षा और कल्याण के लिए बुलाने वाला एक पवित्र स्तोत्र है। इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करने से सुरक्षा और आध्यात्मिक समृद्धि सुनिश्चित होती है।Kavacha
Govinda Damodar Stotram (गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्)
गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (Govinda Damodar Stotram) गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (लघु) करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम् । वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥ श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव । जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 1 विक्रेतुकामाखिलगोपकन्या मुरारिपादार्पितचित्तवृत्तिः । दध्यादिकं मोहवशादवोचत् गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 2 गृहे गृहे गोपवधूकदम्बाः सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम् । पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 3 सुखं शयाना निलये निजेऽपि नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मर्त्याः । ते निश्चितं तन्मयतां व्रजन्ति गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 4 जिह्वे सदैवं भज सुन्दराणि नामानि कृष्णस्य मनोहराणि । समस्त भक्तार्तिविनाशनानि गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 5 सुखावसाने इदमेव सारं दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम् । देहावसाने इदमेव जाप्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 6 जिह्वे रसज्ञे मधुरप्रिये त्वं सत्यं हितं त्वां परमं वदामि । अवर्णयेथा मधुराक्षराणि गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 7 त्वामेव याचे मम देहि जिह्वे समागते दण्डधरे कृतान्ते । वक्तव्यमेवं मधुरं सुभक्त्या गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 8 श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश गोपाल गोवर्धननाथ विष्णो । जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 9Stotra
Prahladakrita Narasimha Stotra (प्रह्लादकृतनृसिंहस्तोत्रम्)
यह नृसिंह स्तुतिः आपकी इच्छाओं को पूरा करने और ग्रह शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए एक अद्भुत और बहुत ही प्रभावी स्तोत्र है। यह भगवान शनि देव द्वारा बताया गया है कि जो कोई भी विशेष रूप से शनिवार को इस स्तोत्र का पाठ करेगा, वह शनि के किसी भी नकारात्मक दृष्टि से मुक्त होगा।Stotra
Bhagavad Gita 17 Chapter (भगवत गीता सातवाँ अध्याय)
भगवद्गीता का 17वां अध्याय "श्रद्धात्रयविभाग योग" (The Yoga of Threefold Faith) है, जो श्रद्धा (Faith) के तीन प्रकारों – सात्त्विक (Pure), राजसिक (Passionate), और तामसिक (Ignorant) – का वर्णन करता है। श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अर्जुन (Arjuna) को बताते हैं कि व्यक्ति की श्रद्धा उसके स्वभाव (Nature) और गुणों (Qualities) पर आधारित होती है। इस अध्याय में भोजन (Food), यज्ञ (Sacrifice), तप (Austerity), और दान (Charity) को सात्त्विक, राजसिक, और तामसिक श्रेणियों में विभाजित कर उनके प्रभावों का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण बताते हैं कि केवल सात्त्विक कर्म (Pure Actions) और श्रद्धा से ही आध्यात्मिक प्रगति (Spiritual Progress) और मोक्ष (Liberation) प्राप्त किया जा सकता है। यह अध्याय व्यक्ति को सद्गुणों (Virtues) और धर्म (Righteousness) के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।Bhagwat-Gita
Shri Govinda Ashtakam (श्री गोविन्द अष्टकम्)
श्रीमद भागवत के अनुसार Shri Krishna सर्वकष्ट विनाशी माने जाते है। अगर सच्चे मन से उनकी worship किया जाए और Shri Govinda Ashtakam का recitation किया जाए तो humans को कोई भी परेशानियों का सामना नही करना पड़ता है। Shri Govinda Ashtakam का chanting नियमित रूप से करने से Shri Krishna भगवान भी प्रसन्न हो जाते है और अपने devotees पर पूर्ण रूप से blessing बनाये रखते है। अगर practitioner सच्चे मन से Shri Govinda Ashtakam का recitation करता है तो उसके सारे sins धुल जाते है इस chanting को करने से human life की सभी प्रकार की diseases व suffering नष्ट होने लगते है। और positive energy जीवन में बनाये रखता है। Shri Govinda Ashtakam recitation को करने से desired wishes भी fulfilled होती है।Ashtakam
Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 6 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - षष्ठोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता पारायण के षष्ठोऽध्याय में कृष्ण ने अर्जुन को ध्यान योग की महत्ता समझाई है।Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan
Shri Krishna Vandana (श्री कृष्ण वंदना)
श्री कृष्ण वंदना भगवान कृष्ण के गुणों और लीलाओं की प्रशंसा में गाई जाने वाली स्तुति है। इसमें भगवान के दिव्य प्रेम, ज्ञान, और धैर्य की महिमा का वर्णन किया गया है। यह वंदना "भक्ति" और "आध्यात्मिक प्रेरणा" का अद्भुत स्रोत है।Vandana
Santana Gopala Stotram (संतान गोपाल स्तोत्रम्)
संतान गोपाल स्तोत्रम् भगवान कृष्ण की स्तुति करने वाला एक विशेष स्तोत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से संतान की प्राप्ति के लिए गाया जाता है और भक्तों को गोपाल की कृपा का अनुभव करने में मदद करता है।Stotra