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श्रीदेवीजी की आरती || Shri Devi Ji Aarti (आरति कीजै शैल-सुताकी ): Sacred Hymn to Seek Blessings for Strength, Prosperity, and Wisdom
Shri Devi Ji Arti (3) श्री देवीजी की आरती
श्री देवी जी की आरती माँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के दिव्य स्वरूप की महिमा का गुणगान करती है। इसमें Maa Durga को आदिशक्ति, Goddess Lakshmi को धन की देवी, और Goddess Saraswati को ज्ञान की अधिष्ठात्री के रूप में पूजा जाता है। आरती में Durga Aarti, Lakshmi Aarti, और Saraswati Aarti का संगम होता है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संदेश देती है।श्रीदेवीजी की आरती
आरति कीजै शैल-सुताकी ॥ आरति०॥
जगदंबाकी आरति कीजै।
स्नेह-सुधा, सुख सुन्दर लीजै॥
जिनके नाम लेत दृग भीजै।
ऐसी वह माता वसुधाकी॥ आरति०॥
पाप-विनाशिनि कलि-मल-हारिणि,।
दयामयी, भवसागरतारिणि॥
शस्त्र-धारिणी, शैल-विहारिणि।
बुद्धाशि गणपति माताकी॥ आरति ०॥
सिंहवाहिनी मातु भवानी।
गौरव-गान करैं जगप्रानी॥
शिवके हृदयासनकी रानी।
करैं आरती मिल-जुल ताकी॥ आरति०॥
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