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Panjchayatan Aarti || पञज्चायतन आरती : Divine Worship of the Five Deities
Panjchayatan Aarti (पञज्चायतन आरती)
पञज्चायतन आरती में पाँच प्रमुख देवताओं - भगवान शिव, भगवान विष्णु, भगवान गणेश, देवी दुर्गा, और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। यह आरती सभी देवी-देवताओं की महिमा का वंदन करती है और भक्तों को संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति से जोड़ती है।
पञज्चायतन आरती
जय केशव हर गजमुख सवित-
नगतनयेडहं चरणौ तब कलये॥ टेक ॥
करुणापारावारं कलिमलपरिहारमू ।
कद्रूसुतशयितारं 'करधृतकह्वारम् ॥
घनपटलाभशरीर॑ कमलोद्भवपितरम् ।
कलये विष्णुमुदारं कमलाभर्तारम्॥ जय०॥ १॥
भूधरजारतिलीलं मड़लकरशीलम्।
भुजगेशस्मृतिलोलं भुजगावलिमालम् ॥
भूषाकृतिमतिविमलं संधृतगाड्जलम्।
भूयो नौमि कृपालं भूतेश्वरमतुलम्॥ जय० ॥ २॥
विघ्नारण्यहुताशं विहितानयनाशम्।
विपदवनीधरकुलिशं विधृतांकुशपाशम् ॥
विजयार्कज्वलिताशं॑ विदलितभवपाशम्।
विनता: स्मो वयमनिशं विद्याविभवेशम् ॥ जय० ॥ ३ ॥
कश्यपसूनुमुदारं कालिन्दीपितरम्।
कालत्रितयविहारं कामुकमन्दारम्॥
कारुण्याब्धिमपार कालानलमदरम् ।
कारणतत्त्वविचारं कामय ऊष्मकरम्॥ जय०॥ '४॥
निगमैरनुतपदकमले निहतासुरजाले ।
हस्ते धृतकरवाले निर्जरजनपाले॥
नितरां कृष्णकृपाले निरवधिगुणलीले।
निर्जरनुतपदकमले नित्योत्सवशीले॥ जय०॥ ५॥