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Shri Saraswati Arti || श्री सरस्वती आरती
Shri Saraswati Arti (श्री सरस्वती आरती)
श्री सरस्वती जी की आरती माँ Saraswati की स्तुति में गाई जाने वाली एक पवित्र भक्ति गीत है, जिसमें उनकी wisdom, knowledge, music, और arts में अद्वितीय शक्तियों का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्तों को intellect, spiritual growth, और cultural prosperity की प्राप्ति की प्रेरणा देती है। माँ Saraswati, जिन्हें Vidya Dayini और Veena Vadini के नाम से भी जाना जाता है, उनकी आरती से भक्त divine blessings और creative energy प्राप्त करते हैं।
श्री सरस्वती जी कीआरती
आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो।
हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा।
रावण का मन कैसे फेरा, वर मांगत वन गया सबेरा।
यह सब कृपा तिहारी, उपकारी हो मातु हमारी हो।
तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो, हम अम्बुजन वि कास करती हो।
मंगल भवन मातु सरस्वती हो, बहुमूकन वाचाल करती हो।
विद्या देने वाली वीणा, धारी हो मातु हमारी।
तुम्हारी कृपा गणनायक, लायक विष्णु भये जग के पालक।
अम्बा कहायी सृष्टि ही कारण, भये शम्भु संसार ही घालक।
बन्दों आदि भवानी जग, सुखकारी हो मातु हमारी।
सदबुद्धि विद्याबल मोही दीजै, तुम अज्ञान हटा रख लीजै।
जन्मभूमि हित अर्पण कीजै, कर्मवीर भस्महिं कर दीजे।
ऐसी विनय हमारी भवभय, हरी, मातु हमारी हो, आरती करूं सरस्वती मातु॥
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