No festivals today or in the next 14 days. 🎉
10 Mahavidya Naamani || दश महाविद्या नामानि
10 Mahavidya Naamani (दश महाविद्या नामानि)
दश महाविद्या नामनी आरती दस महाविद्याओं की स्तुति में गाई जाने वाली एक भक्ति आरती है, जो प्रत्येक महाविद्या की unique powers, divine qualities, और spiritual essence का वर्णन करती है। यह आरती Devi Shakti, Siddhi, और spiritual awakening की प्राप्ति के लिए भक्तों को प्रेरित करती है।
दश महाविद्या नामानि
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी ।
भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा ॥।
बगलासिद्धि विद्या च मातङ्गी कमलात्मिका ।
एता दशमहाविद्या: सिद्धि विद्या: प्रकीतिताः|
(१) काली (२) तारा (३) महाविद्या (त्रिपुर सुन्दरी)
(४) भुवनेश्वरी (५) भैरवी (६) छिन्नमस्ता (७) धूमावती (८)
बगलामुखी (९) मातंगी (१०) कमला अर्थात् लक्ष्मी । ये दस
देवियाँ दशमहाविद्या के रूप में प्रसिद्ध हैं ।
यथार्थ में ये सभी एक ही आदि शक्ति जिसे शिवा दुर्गा, पार्वती
अथवा लक्ष्मी कहा जाता है--की प्रति मूर्तियां हैं । सबके मालिक
(पति) भगवान सदा शिव हैं । भक्तों, (साधकों) की प्रसन्नता हेतु
मुख्य, मुख्य अवसरों पर पराशक्ति महादेवी ने अपने जो नाना रुप
धारण किये उन्हीं का दशमहाविद्याओं के रूप में पृथक-पृथक मंत्र,
जप, ध्यान, होम एवं पूजनादि विधि पूर्वक नीचे दिया जा रहो है ।
आदि शक्ति की उपासना का विधान हमारे देश में सहस्त्रों वर्षों से
चला आ रहा है तथा शात्त्कमत के नाम से इनकी उपासना करने वालो
का एक पृथक सम्प्रदाय ही बन गया है ।
ये दशमहाविद्या अभीष्ट फल प्रदान करने वाली हैं । इनके ध्यान
स्तव, कवच मंत्रादि मूल संस्कूत भाषा में हैं अतः तंत्र के साधको
पाठकों की जानकारी हेतु उनकी हिन्दी में टीका कर दी है । साधकों
को चाहिए कि ध्यान, कवच, स्तव आदि का पाठ जपादि मूल संस्कृत
में ही करें, तभी सिद्धि प्राप्त होगी । मंत्रादि विधि आदि जो भी वात
समझ में न आवे उसकी जानकारी किसी विज्ञ तांत्रिक से करनी
चाहिए । इन दशमहाविद्याओं के सम्बन्ध में हमें बहुत कुछ विशेष
जानकारी श्रद्धेय श्री चन्द्रसेन जी मिश्र तंत्राचार्य सन्डीला-हरदोई से
मिली है एतदर्थ मैं उनका आभारी हूँ ।