मंत्रों के रहस्य: सृजन, उपयोगिता, और लाभ

सार्वभौमिक मन

संपूर्ण ब्रह्मांड में केवल एक ही मन है, लेकिन यह मन हम में से प्रत्येक में व्यक्तिगत रूप में दिखाई देता है। तो, आपका मन और मेरा मन दो मन नहीं हैं, हमारे मन सिर्फ उसी सार्वभौमिक मन की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के रूप में दिखाई देते हैं। सच्चाई यह है कि व्यक्तिगत मन समरूप, सार्वभौमिक मन का हिस्सा है। इसलिए, व्यक्तिगत मन को सार्वभौमिक मन के साथ जोड़ा जा सकता है यदि हम जानते हैं कि इसे कैसे जोड़ना है। हमें इसे एक नियम के रूप में याद रखना चाहिए, क्योंकि यह आध्यात्मिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।