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श्री दुर्गा सप्तशती, भाग-4 | Shri Durga Saptshati, Part-4
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 4 Chapter (चौथी अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय " देवी स्तुति " पर आधारित है ।Page no.
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Durga Suktam (दुर्गा सूक्तम्)
दुर्गा सूक्तम्(Durga Suktam) ओम् । जातवेदसे सुनवाम सोम मरातीयतो निदहाति वेदः । स नः पर्-षदति दुर्गाणि विश्वा नावेव सिन्धुं दुरितात्यग्निः ॥ तामग्निवर्णां तपसा ज्वलन्तीं वैरोचनीं कर्मफलेषु जुष्टाम् । दुर्गां देवीं शरणमहं प्रपद्ये सुतरसि तरसे नमः ॥ अग्ने त्वं पारया नव्यो अस्मान्थ् स्वस्तिभिरति दुर्गाणि विश्वा । पूश्च पृथ्वी बहुला न उर्वी भवातोकाय तनयाय शंयः ॥ विश्वानि नो दुर्गहा जातवेदः सिन्धुन्न नावा दुरितातिपर्षि । अग्ने अत्रिवन्मनसा गृणानोऽस्माकं बोध्यविता तनूनाम् ॥ पृतना जितंग सहमानमुग्रमग्निंग हुवेम परमाथ्सधस्थात् । स नः पर्-षदति दुर्गाणि विश्वा क्षामद्देवो अति दुरितात्यग्निः ॥ प्रत्नोषि कमीड्यो अध्वरेषु सनाच्च होता नव्यश्च सत्सि । स्वांचाऽग्ने तनुवं पिप्रयस्वास्मभ्यं च सौभगमायजस्व ॥ गोभिर्जुष्टमयुजो निषिक्तं तवेन्द्र विष्णोरनुसंचरेम । नाकस्य पृष्ठमभि संवंसानो वैष्णवीं लोक इह मादयंताम् ॥ ॐ कात्यायनाय विद्महे कन्यकुमारि धीमहि । तन्नो दुर्गिः प्रचोदयात् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥Sukt
Tripurasundari Ashtakam (त्रिपुरसुंदरी अष्टकम)
Tripurasundari Ashtakam (त्रिपुरासुंदरी अष्टकम्) माँ Tripurasundari को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। माँ Tripurasundari, जिन्हें Lalita Devi, Shodashi और Srividya के रूप में भी जाना जाता है, समस्त सौंदर्य, ज्ञान और दिव्यता की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस अष्टकम के नियमित पाठ से साधक को आध्यात्मिक उन्नति, विजय, सौंदर्य, ऐश्वर्य और सर्वसिद्धि प्राप्त होती है। माँ Tripurasundari की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति तथा सुख की प्राप्ति होती है। यदि कोई साधक जीवन में सौंदर्य, समृद्धि, आध्यात्मिक जागरण और शक्ति चाहता है, तो उसे माँ Tripurasundari की उपासना कर इस Tripurasundari Ashtakam का नित्य पाठ अवश्य करना चाहिए।Ashtakam
Durga Saptashati(दुर्गा सप्तशती) 6 Chapter (छठा अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का छठा अध्याय " धूम्रलोचन के वध " पर आधारित है ।Durga-Saptashati
Durga Saptashati (दुर्गासप्तशती) 1 chapter (पहला अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठके नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का पहला अध्याय "मधु और कैटभ का वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 9 Chapter(नवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का नवम अध्याय "निशुम्भ वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Karpur Gauram Karunavtaram Shloka Mantra (कर्पूर गौरम करुणावतारं श्लोक मंत्र)
कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र Lord Shiva की Sacred Prayer है, जो उन्हें Pure (Karpur Gauram), Compassionate (Karunavataram) और Supreme Divine दर्शाता है। यह Shloka Mahadev को Lord of Yogis और Destroyer of Evil के रूप में Glorify करता है। Parvati के Consort के रूप में, वे Peace and Enlightenment प्रदान करते हैं। इस Mantra Chanting से Spiritual Growth, Inner Peace, और Divine Blessings प्राप्त होती हैं।Shloka-Mantra
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 10 Chapter (दसवाँ अध्याय)
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Shri Kamakhya Devi Kavacham (श्री कामाख्या देवी कवचम्)
shri Kamakhya kavachaShri Kamakhya Kavacha (श्री कामाख्या कवच) आज हर व्यक्ति उन्नति, यश, वैभव, कीर्ति और धन-संपदा प्राप्त करना चाहता है, वह भी बिना किसी बाधा के। Maa Kamakhya Devi का कवच पाठ करने से सभी Obstacles समाप्त हो जाते हैं, और साधक को Success तथा Prosperity प्राप्त होती है। यदि आप अपने जीवन में मनोकामना पूर्ति चाहते हैं, तो इस कवच का नियमित पाठ करें। यह Maa Kamakhya की Divine Protection प्रदान करता है और जीवन से Negative Energies तथा दुर्भाग्य को दूर करता है।Kavacha