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Shri Bhagavad Gita Stotram || श्री भगवद्भक्तानाम् : Sacred Hymn of Lord Krishna's Teachings
Shri Bhagavad Gita Stotram (श्री भगवद्भक्तानाम्)
श्री भगवद गीता स्तोत्रम् भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए दिव्य उपदेशों का सार है, जिसमें धर्म (Dharma), कर्म (Action) और भक्ति (Devotion) का महत्व बताया गया है। यह स्तोत्र भगवान (God) के प्रति श्रद्धा (Faith) और विश्वास बढ़ाने का एक प्रभावशाली साधन है। इसमें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अद्वितीय स्वरूप और उनकी आध्यात्मिक शक्ति (Spiritual Power) का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र आत्मा (Soul) की शुद्धि, मोक्ष (Salvation) और आध्यात्मिक जागरूकता (Spiritual Awakening) प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री भगवद गीता स्तोत्रम् का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता (Positivity), शांति (Peace) और सफलता (Success) लाता है। यह स्तोत्र योग (Yoga) और ध्यान (Meditation) के साथ किया जाए तो मन और आत्मा को संतुलित करता है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो जीवन में सही दिशा, दिव्य कृपा (Divine Grace) और आध्यात्मिक मार्गदर्शन (Spiritual Guidance) की तलाश कर रहे हैं। || श्री भगवद्भक्तानाम् ||
(Shri Bhagavad Gita Stotram)
प्रह्लादनारदपराशरपुण्डरीक-
व्यासाम्बरीषशुकशौनक भीष्मदाल्भ्यान् ।
रुक्माङ्गदार्जुनवसिष्ठविभीषणादीन्
पुण्यानिमान् परमभागवतान् स्मरामि ॥ १ ॥
(पाण्डवगीतायाः)
वाल्मीकिः सनकः सनन्दनतरुर्व्यासो वसिष्ठो भृगु-
र्जाबालिर्जमदग्निकच्छजनको गर्गोऽङ्गिरा गौतमः ।
मान्धाता ऋतुपर्णवैन्यसगरा धन्यो दिलीपो नलः पुण्यो
धर्मसुतो ययातिनहुषौ कुर्वन्तु नो मङ्गलम् ॥ २ ॥
(मङ्गलाष्टकात्)
॥ इति प्रातः स्मरणम् ॥
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