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Shri Vishnu Ashtottara Satanam Stotram || श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
Shri Vishnu Ashtottara Satanam Stotram (श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्)
श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम भगवान विष्णु के 108 पावन नामों का महत्त्वपूर्ण स्तोत्र है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि, शांति और पापों से मुक्ति प्रदान करता है। इस स्तोत्र में भगवान के पालनकर्ता, नारायण, जनार्दन, मधुसूदन, केशव जैसे दिव्य नामों का स्मरण किया गया है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को संकटों का नाश, धन-वैभव की प्राप्ति, और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है। इस स्तोत्र का पाठ व्रत, पूजा, एकादशी और विशेष अवसरों पर करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। भगवान विष्णु के 108 नामों का जप व्यक्ति को सफलता, धार्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
(Shri Vishnu Ashtottara Satanam Stotram)
अष्टोत्तरशतं नाम्नां विष्णोरतुलतेजसः ।
यस्य श्रवणमात्रेण नरो नारायणो भवेत् ॥ 1 ॥
विष्णुर्जिष्णुर्वषट्कारो देवदेवो वृषाकपिः । [वृषापतिः]
दामोदरो दीनबंधुरादिदेवोऽदितेस्तुतः ॥ 2 ॥
पुंडरीकः परानंदः परमात्मा परात्परः ।
परशुधारी विश्वात्मा कृष्णः कलिमलापहा ॥ 3 ॥
कौस्तुभोद्भासितोरस्को नरो नारायणो हरिः ।
हरो हरप्रियः स्वामी वैकुंठो विश्वतोमुखः ॥ 4 ॥
हृषीकेशोऽप्रमेयात्मा वराहो धरणीधरः ।
वामनो वेदवक्ता च वासुदेवः सनातनः ॥ 5 ॥
रामो विरामो विरजो रावणारी रमापतिः ।
वैकुंठवासी वसुमान् धनदो धरणीधरः ॥ 6 ॥
धर्मेशो धरणीनाथो ध्येयो धर्मभृतांवरः ।
सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात् ॥ 7 ॥
सर्वगः सर्ववित्सर्वः शरण्यः साधुवल्लभः । [सर्वदः]
कौसल्यानंदनः श्रीमान् राक्षसःकुलनाशकः ॥ 8 ॥
जगत्कर्ता जगद्धर्ता जगज्जेता जनार्तिहा ।
जानकीवल्लभो देवो जयरूपो जलेश्वरः ॥ 9 ॥
क्षीराब्धिवासी क्षीराब्धितनयावल्लभस्तथा ।
शेषशायी पन्नगारिवाहनो विष्टरश्रवः ॥ 10 ॥
माधवो मथुरानाथो मुकुंदो मोहनाशनः ।
दैत्यारिः पुंडरीकाक्षो ह्यच्युतो मधुसूदनः ॥ 11 ॥
सोमसूर्याग्निनयनो नृसिंहो भक्तवत्सलः ।
नित्यो निरामयश्शुद्धो वरदेवो जगत्प्रभुः ॥ 12 ॥ [नरदेवो]
हयग्रीवो जितरिपुरुपेंद्रो रुक्मिणीपतिः ।
सर्वदेवमयः श्रीशः सर्वाधारः सनातनः ॥ 13 ॥
सौम्यः सौम्यप्रदः स्रष्टा विष्वक्सेनो जनार्दनः ।
यशोदातनयो योगी योगशास्त्रपरायणः ॥ 14 ॥
रुद्रात्मको रुद्रमूर्तिः राघवो मधुसूधनः । [रुद्रसूदनः]
इति ते कथितं दिव्यं नाम्नामष्टोत्तरं शतम् ॥ 15 ॥
सर्वपापहरं पुण्यं दिव्योरतुलतेजसः ।
दुःखदारिद्र्यदौर्भाग्यनाशनं सुखवर्धनम् ॥ 16 ॥
सर्वसंपत्करं सौम्यं महापातकनाशनम् ।
प्रातरुत्थाय विपेंद्र पठेदेकाग्रमानसः ॥ 17 ॥
तस्य नश्यंति विपदां राशयः सिद्धिमाप्नुयात् ॥ 18 ॥
इति श्री विष्णोः अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् ॥
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सुदर्शन कवच (Sudarshan Kavach) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का महान रक्षात्मक कवच (protective shield) है। इस कवच का पाठ (recitation) करने से व्यक्ति गंभीर बीमारियों (serious illnesses), बुरी नजर (evil eye), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित रहता है और उसे उत्तम स्वास्थ्य (good health) प्राप्त होता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी (chronic disease) से पीड़ित है, जिसे उपचार (treatment) और दवाओं (medication) के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, जिसके कारण उसे बहुत शारीरिक कष्ट (physical suffering) और पीड़ा सहनी पड़ रही है और उसका परिवार भी अत्यधिक परेशान है, तो ऐसी स्थिति में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए। इस पाठ (recitation) से गंभीर बीमारियां (serious illnesses) धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य (physical health) भी अच्छा बना रहता है। व्यक्ति को दीर्घायु (longevity) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), बुरी नजर (evil eye), तंत्र-मंत्र (tantra-mantra) का प्रभाव, काला जादू (black magic) आदि है, जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच रोज किसी न किसी बात पर झगड़े होते हैं, सभी के मन में एक-दूसरे के प्रति नाराजगी रहती है, और घर में अशांति रहती है, तो ऐसी स्थिति में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) करने और घर में सुदर्शन यंत्र (Sudarshan Yantra) स्थापित करने से व्यक्ति और उसका परिवार सभी नकारात्मक ऊर्जा (negative energy), काले जादू (black magic) आदि से सुरक्षित होने लगता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दैनिक पूजा (daily worship) में सुदर्शन कवच का पाठ (Sudarshan Kavach recitation) अवश्य करना चाहिए, ताकि वह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के दिव्य आशीर्वाद (divine blessings) प्राप्त कर सके।Kavacha
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