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Durga Saptashati Chapter 1 (दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः देवी माहात्म्यं)
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Durga Saptashati(दुर्गासप्तशती) 2 Chapter (दूसरा अध्याय)
दुर्गा सप्तशती जिसे देवी महात्म्य और चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का वर्णन किया गया है। यह ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है। दुर्गा सप्तशती का द्वितीय अध्याय "महिषासुर की सेनाओं का वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Manidvipa Varnan - 3 (Devi Bhagavatam) मणिद्वीप वर्णन - 3 (देवी भागवतम्)
मणिद्वीप का वर्णन देवी भागवतम् के अनुसार। यह खंड देवी के स्वर्गीय निवास, मणिद्वीप की दिव्य और आध्यात्मिक महत्ता का अन्वेषण करता है। देवी की भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान चाहने वालों के लिए आदर्श।Manidvipa-Varnan
Durga Saptashati Chapter 6 (दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला छठा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Dakaradi Shri Durga Sahasranama Stotram (दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्)
दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम एक शक्तिशाली Hindu Stotra है, जिसमें Maa Durga के 1000 Sacred Names वर्णित हैं। यह स्तोत्र Spiritual Protection और Divine Blessings प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। Shakti Worship में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, जो Negative Energy Removal में सहायक होती है। भक्तगण इसे पढ़कर Success & Prosperity की प्राप्ति करते हैं। यह Vedic Scriptures में वर्णित Goddess Durga Stotra में से एक है। इसका नियमित पाठ Karma Cleansing और Positive Vibrations को बढ़ाता है। Devotional Chanting से भक्त को Inner Peace & Strength मिलती है।Sahasranama-Stotram
Shri Durga Mata Stuti (श्री दुर्गा माता स्तुति)
Durga Stuti: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तीनों काल को जानने वाले महर्षि वेद व्यास ने Maa Durga Stuti को लिखा था, उनकी Durga Stuti को Bhagavati Stotra नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने अपनी Divine Vision से पहले ही देख लिया था कि Kaliyuga में Dharma का महत्व कम हो जाएगा। इस कारण Manushya नास्तिक, कर्तव्यहीन और अल्पायु हो जाएंगे। इसके कारण उन्होंने Veda का चार भागों में विभाजन भी कर दिया ताकि कम बुद्धि और कम स्मरण-शक्ति रखने वाले भी Vedas का अध्ययन कर सकें। इन चारों वेदों का नाम Rigveda, Yajurveda, Samaveda और Atharvaveda रखा। इसी कारण Vyasaji Ved Vyas के नाम से विख्यात हुए। उन्होंने ही Mahabharata की भी रचना की थी।Stuti
Durga Saptashati Chapter 3 (दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला तीसरा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Durga Saptashati Chapter 7 (दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला सातवां अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 7 Chapter(सातवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का सातवां अध्याय " चण्ड और मुंड के वध " पर आधारित है ।Durga-Saptashati