No festivals today or in the next 14 days. 🎉
तीसरा अध्याय - श्री दुर्गा सप्तशती | Shri Durga Saptashati (Chandi) Path in Hindi
Durga Saptashati(दुर्गासप्तशती) 3 Chapter (तीसरा अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठानिक पाठ देवी दुर्गा के सम्मान में नवरात्रि (अप्रैल और अक्टूबर के महीनों में पूजा के नौ दिन) समारोह का हिस्सा है। यह शाक्त परंपरा का आधार और मूल है। दुर्गा सप्तशती का तीसरा अध्याय " महिषासुर वध " पर आधारित है ।Page no.
/ 1
error
Page no. / 1
Related to Durga
Durga Suktam (दुर्गा सूक्तम्)
दुर्गा सूक्तम्(Durga Suktam) ओम् । जातवेदसे सुनवाम सोम मरातीयतो निदहाति वेदः । स नः पर्-षदति दुर्गाणि विश्वा नावेव सिन्धुं दुरितात्यग्निः ॥ तामग्निवर्णां तपसा ज्वलन्तीं वैरोचनीं कर्मफलेषु जुष्टाम् । दुर्गां देवीं शरणमहं प्रपद्ये सुतरसि तरसे नमः ॥ अग्ने त्वं पारया नव्यो अस्मान्थ् स्वस्तिभिरति दुर्गाणि विश्वा । पूश्च पृथ्वी बहुला न उर्वी भवातोकाय तनयाय शंयः ॥ विश्वानि नो दुर्गहा जातवेदः सिन्धुन्न नावा दुरितातिपर्षि । अग्ने अत्रिवन्मनसा गृणानोऽस्माकं बोध्यविता तनूनाम् ॥ पृतना जितंग सहमानमुग्रमग्निंग हुवेम परमाथ्सधस्थात् । स नः पर्-षदति दुर्गाणि विश्वा क्षामद्देवो अति दुरितात्यग्निः ॥ प्रत्नोषि कमीड्यो अध्वरेषु सनाच्च होता नव्यश्च सत्सि । स्वांचाऽग्ने तनुवं पिप्रयस्वास्मभ्यं च सौभगमायजस्व ॥ गोभिर्जुष्टमयुजो निषिक्तं तवेन्द्र विष्णोरनुसंचरेम । नाकस्य पृष्ठमभि संवंसानो वैष्णवीं लोक इह मादयंताम् ॥ ॐ कात्यायनाय विद्महे कन्यकुमारि धीमहि । तन्नो दुर्गिः प्रचोदयात् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥Sukt
Shri Devi Chandi Kavach (श्री देवी चण्डी कवच)
Chandi Kavach (चंडी कवच): Maa Chandi को Maa Durga का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है। जो भी साधक Chandi Kavach का नियमित पाठ करता है, उसे Goddess of War Maa Chandi की असीम कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस कवच के पाठ से साधक की आयु बढ़ती है और वह 100 वर्षों तक जीवित रह सकता है। Maa Chandi अपने भक्तों को Enemies, Tantra-Mantra और Evil Eye से बचाती हैं। इस कवच के निरंतर पाठ से जीवन की सारी Sorrows और Obstacles दूर होने लगती हैं। साधक को Happiness और Prosperity प्राप्त होती है।Kavacha
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra (दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र)
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra देवी दुर्गा की "Divine Power" और "Cosmic Energy" का आह्वान करता है, जो "Supreme Goddess" और "Protector of the Universe" के रूप में पूजा जाती हैं। यह मंत्र विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के "Sacred Protection" और "Victory over Evil" के रूप में प्रभावी होता है। इस मंत्र का जाप "Goddess Durga Prayer" और "Spiritual Protection Mantra" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित पाठ से जीवन में "Positive Energy" का संचार होता है और व्यक्ति को "Divine Blessings" मिलती हैं। Durga Saptashati Siddha Samput Mantra का पाठ "Victory Prayer" और "Blessings for Prosperity" के रूप में किया जाता है। यह मंत्र मानसिक शांति, आत्मिक बल और "Inner Peace" को बढ़ाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को "Divine Protection" और "Spiritual Awakening" प्राप्त होती है। इस मंत्र से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।MahaMantra
Shri Vindhyeshwari Stotram (श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् )
श्री विंध्येश्वरी स्तोत्रम् देवी Vindhyeshwari Mata की स्तुति है, जिन्हें power, prosperity और protection goddess माना जाता है। यह स्तोत्र भक्तों को divine energy, success और strength प्राप्त करने में सहायक है। Hindu mythology में देवी विंध्येश्वरी को troubles और negativity दूर करने वाली शक्ति के रूप में revered किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ life में positivity, blessings और spiritual upliftment के लिए किया जाता है। विंध्येश्वरी माँ की आराधना से भक्त fear और obstacles से मुक्त होकर victory हासिल करते हैं।Devi-Stotra
Durga Saptashati Chapter 2 (दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः देवी माहात्म्यं)
दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला दूसरा अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 10 Chapter (दसवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का दशम अध्याय "शुम्भ वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Shri Devi Ji Arti (3) श्री देवीजी की आरती
श्री देवी जी की आरती माँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के दिव्य स्वरूप की महिमा का गुणगान करती है। इसमें Maa Durga को आदिशक्ति, Goddess Lakshmi को धन की देवी, और Goddess Saraswati को ज्ञान की अधिष्ठात्री के रूप में पूजा जाता है। आरती में Durga Aarti, Lakshmi Aarti, और Saraswati Aarti का संगम होता है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संदेश देती है।Arti
Durga Saptashati Chapter 10 (दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः) देवी माहात्म्यं
दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः: यह देवी दुर्गा के माहात्म्य का वर्णन करने वाला दसवां अध्याय है।Durga-Saptashati-Sanskrit