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Shri Saraswati Arti || श्री सरस्वती आरती

Shri Saraswati Arti (श्री सरस्वती आरती)

श्री सरस्वती जी की आरती माँ Saraswati की स्तुति में गाई जाने वाली एक पवित्र भक्ति गीत है, जिसमें उनकी wisdom, knowledge, music, और arts में अद्वितीय शक्तियों का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्तों को intellect, spiritual growth, और cultural prosperity की प्राप्ति की प्रेरणा देती है। माँ Saraswati, जिन्हें Vidya Dayini और Veena Vadini के नाम से भी जाना जाता है, उनकी आरती से भक्त divine blessings और creative energy प्राप्त करते हैं।
श्री सरस्वती जी कीआरती
आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो।
हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा।
रावण का मन कैसे फेरा, वर मांगत वन गया सबेरा।
यह सब कृपा तिहारी, उपकारी हो मातु हमारी हो।
तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो, हम अम्बुजन वि कास करती हो।
मंगल भवन मातु सरस्वती हो, बहुमूकन वाचाल करती हो।
विद्या देने वाली वीणा, धारी हो मातु हमारी।
तुम्हारी कृपा गणनायक, लायक विष्णु भये जग के पालक।
अम्बा कहायी सृष्टि ही कारण, भये शम्भु संसार ही घालक।
बन्दों आदि भवानी जग, सुखकारी हो मातु हमारी।
सदबुद्धि विद्याबल मोही दीजै, तुम अज्ञान हटा रख लीजै।
जन्मभूमि हित अर्पण कीजै, कर्मवीर भस्महिं कर दीजे।
ऐसी विनय हमारी भवभय, हरी, मातु हमारी हो, आरती करूं सरस्वती मातु॥

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Shri Shardha Chalisa (श्री शारधा चालीसा)

श्री शारदा चालीसा देवी माँ शारदा को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इसका पाठ मानसिक शांति, आध्यात्मिक प्रगति, और संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। Saraswati, जिन्हें Goddess of Knowledge कहा जाता है, का यह स्तोत्र भक्तों को बुद्धि और समृद्धि प्रदान करता है।
Chalisa

Shri Saraswati Stotram (श्री सरस्वती स्तोत्रम्)

श्री सरस्वती स्तोत्र: सरस्वती माता को प्रसन्न करने और उनसे हमारे व हमारे परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के कई तरीके हैं। सरस्वती हिंदू धर्म की देवी हैं, जो ज्ञान, संगीत, कला, बुद्धि और प्रकृति का प्रतीक हैं। वह सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। ये तीनों स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति को सृष्टि की रचना, पालन और विनाश में सहायता करते हैं। सरस्वती माता को पश्चिम और मध्य भारत के जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा भी श्रद्धापूर्वक पूजा जाता है।
Devi-Stotra

Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

सरस्वती चालीसा माँ सरस्वती को समर्पित है। माँ सरस्वती को Goddess of Knowledge, Veena Vadini, और Vagdevi कहा जाता है। Saraswati mantra for students जैसे "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप सरस्वती चालीसा के साथ करने से विद्या और बुद्धि का विकास होता है।
Chalisa

Shri Saraswati Kavacham (श्री सरस्वती कवचं)

Shri Saraswati Kavacham देवी सरस्वती की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है, जो "Goddess of Wisdom" और "Divine Knowledge" की देवी मानी जाती हैं। यह कवच विशेष रूप से "Protection from Ignorance" और "Goddess of Arts" की शक्तियों का आह्वान करता है, जो शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करती हैं। यह कवच "Saraswati Devotional Hymn" और "Spiritual Knowledge Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से जीवन में ज्ञान, रचनात्मकता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। Shri Saraswati Kavacham को "Divine Protection Chant" और "Wisdom Mantra" के रूप में पढ़ने से व्यक्ति को "Inner Peace" और "Success in Learning" मिलता है।
Kavacha

Shri Saraswati Dawadash Naam Mantra (श्री सरस्वती दादश नाम मंत्र)

मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में बुद्धि का संचरण होता है। ऐसा कहा जाता है कि जहां मां सरस्वती विराजमान रहती हैं, उस जगह मां लक्ष्मी अवश्य वास करती हैं। दैविक काल में सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण जी ने मां शारदे की पूजा आराधना की थी। इन्हें संगीत की देवी भी कहा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ महीने में वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इस दिन मां शारदे का आह्वान किया जाता है। खासकर विद्यार्थी सरस्वती पूजा को उत्सव की तरह मनाते हैं। बंगाल और बिहार समेत देश के कई राज्यों में सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। विद्यार्थी वर्ग को प्रतिदिन विद्या प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
Mantra

Shri Saraswati Stotra (श्रीसरस्वतीस्तोत्रम्)

सरस्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के कई तरीके हैं। सरस्वती हिंदू धर्म की ज्ञान, संगीत, कला, बुद्धि और प्रकृति की देवी हैं। वह सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। ये तीनों रूप ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति की सृष्टि, पालन और विनाश की प्रक्रिया में सहायता करती हैं। देवी सरस्वती को पश्चिम और मध्य भारत के जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा भी पूजनीय माना जाता है।
Stotra

saraswati vandana (सरवस्ती वदना)

सरस्वती वंदना का हिंदु धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। माँ सरस्वती की वंदना करने से ऐसा माना जाता है कि मुर्ख भी ज्ञानी बन सकते हैं। माँ सरस्वती को हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक माना गया है। इनकी कृपा पाने के लिए संगीतज्ञ, छात्रों और यहां तक की गूढ़ विषयों में रुचि रखने वालों द्वारा भी इनकी वंदना की जाती है। सरस्वती माँ को शारदा, शतरुपा, वीणावादिनी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
Vandana

Saraswati Sahasranama Stotram (सरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम्)

सरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम् (Saraswati Sahasranama Stotram) में मां सरस्वती (Goddess Saraswati) के एक हजार दिव्य नामों (divine names) का वर्णन है। यह स्तोत्र ज्ञान (knowledge), विद्या (education), और संगीत (music) की देवी (goddess of wisdom) को समर्पित है। मां सरस्वती को ब्रह्मा (Brahma) की शक्ति और सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी (creator goddess) माना गया है। यह स्तोत्र भक्तों (devotees) को मानसिक शांति (peace of mind), एकाग्रता (focus), और बुद्धि (intelligence) प्रदान करता है। सरस्वती सहस्रनाम स्तोत्रम् का पाठ (chanting) विद्या (learning) और कला (art) में सफलता (success) के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसमें मां सरस्वती के करुणामयी (compassionate) और उग्र (fierce) दोनों रूपों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र उन विद्यार्थियों (students) और साधकों (seekers) के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो ज्ञान, प्रतिभा (talent), और रचनात्मकता (creativity) की प्राप्ति करना चाहते हैं। मां सरस्वती अपने भक्तों को अज्ञान (ignorance) से मुक्त करती हैं और जीवन को प्रकाशित (enlighten) करती हैं।
Sahasranama-Stotram

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साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जी का जन्मोत्सव, जानिए रहस्य

Hanuman Janm Katha (हनुमान जन्म कथा): Lord Hanuman को शक्ति, भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। वे भगवान राम के परम भक्त हैं और Ramayan Epic में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से सभी परिचित हैं। Hanuman Ji के भक्त उन पर अटूट श्रद्धा रखते हैं और Mahabali Hanuman भी अपने Devotees की रक्षा करते हैं। Chaitra Purnima पर Hanuman Jayanti 2025 मनाई जाती है। इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा यानी 12 April 2025 को हनुमान जयंती का उत्सव मनाया जाएगा। वहीं Valmiki Ramayan के अनुसार, Kartik Month Krishna Paksha Chaturdashi को Hanuman Janmotsav मनाया जाता है। इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी 19 October 2025 को है। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर दो बार Lord Hanuman Birthday क्यों मनाया जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं। Chaitra Purnima and Hanuman Jayanti चैत्र मास की पूर्णिमा को Hanuman Jayanti Festival के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। जब बाल Hanuman ने सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की, तो Indra Dev ने उन पर Vajra से प्रहार किया। इससे Hanuman Ji मूर्छित हो गए। इससे उनके पिता Pawan Dev (Wind God) क्रोधित हो गए और उन्होंने हवा रोक दी। इससे पूरे ब्रह्मांड पर संकट आ गया। Gods of Hinduism की प्रार्थना के बाद Lord Brahma ने Hanuman Ji को दूसरा जीवन दिया। तब सभी देवताओं ने उन्हें अपनी-अपनी Divine Powers प्रदान कीं। जिस दिन उन्हें नया जीवन मिला, वह Chaitra Purnima Tithi थी। इसलिए इस दिन को Hanuman Jayanti Celebration के रूप में मनाया जाता है। Kartik Chaturdashi and Hanuman Janmotsav वहीं Kartik Month Krishna Chaturdashi को Hanuman Janmotsav के रूप में मनाया जाता है। Valmiki Ramayan के अनुसार, Hanuman Ji का Actual Birth इसी दिन हुआ था। इसलिए इस तिथि को उनके Spiritual Birthday के रूप में मनाने की परंपरा है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कर लें ये खास उपाय, मातारानी होंगी प्रसन्न

Navratri Remedies (Navratri ke Upay): चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि (Navami Tithi of Chaitra Navratri) मां दुर्गा की Worship के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन Goddess Siddhidatri की पूजा की जाती है, जो सभी प्रकार की Spiritual Powers और Siddhis को प्रदान करने वाली हैं। Mata Durga को प्रसन्न करने और उनका Blessings प्राप्त करने के लिए नवमी तिथि पर कुछ विशेष spiritual rituals किए जा सकते हैं: 1. Kanya Pujan (Girl Worship Ceremony): नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं (जो 2 से 10 वर्ष की हों) को मां दुर्गा के नौ रूपों के प्रतीक के रूप में आमंत्रित करें। उन्हें स्वच्छ स्थान पर बैठाएं, उनके पैर धोएं और रोली-कुमकुम से तिलक करें। उन्हें स्वादिष्ट भोजन (जैसे Puri, Kala Chana, Halwa) खिलाएं और दक्षिणा व उपहार (Gifts for Girls) भेंट करें। कन्याओं को विदा करते समय उनसे आशीर्वाद लें। कन्या पूजन माता को अत्यंत प्रिय है और यह एक powerful Navratri ritual माना जाता है। 2. Havan and Yagya: नवमी के दिन Fire Ritual (Havan) करना बहुत शुभ माना जाता है। आप घर पर ही किसी Pandit की सहायता से या स्वयं Durga Saptashati Mantras से हवन कर सकते हैं। हवन में Barley, Sesame Seeds, Guggul, Pure Ghee और अन्य हवन सामग्री अर्पित करें। Havan Smoke से घर की Negative Energy दूर होती है और Positive Vibes का संचार होता है। 3. Special Worship of Maa Siddhidatri: नवमी के दिन Maa Siddhidatri की Special Puja करें। उन्हें Lotus Flower अर्पित करें, जो उनका प्रिय पुष्प है। 'ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः' मंत्र का 108 बार Chanting करें। Maa Siddhidatri Aarti गाएं और उन्हें Halwa, Kala Chana और Poori का Bhog लगाएं। अपनी Wishes मां के समक्ष रखें। 4. Durga Saptashati Path: यदि संभव हो तो नवमी के दिन Durga Saptashati का Full Recitation करें। यदि पूरा पाठ करना संभव न हो तो इसके महत्वपूर्ण अध्याय जैसे Durga Kavach, Kilik Stotra और Argala Stotra का पाठ अवश्य करें। इससे Divine Blessings मिलती हैं। 5. Charity and Donations (Daan-Punya): नवमी के दिन Underprivileged लोगों को Donation देना बहुत शुभ माना जाता है। आप Grains, Clothes, Cash या अपनी श्रद्धा अनुसार किसी भी वस्तु का दान कर सकते हैं। यह act of kindness मां दुर्गा को प्रसन्न करता है। 6. Use of Yellow Color: नवमी के दिन Yellow Color का विशेष महत्व है। पूजा में Yellow Dress पहनें और मां दुर्गा को Yellow Flowers अर्पित करें। यह color positivity और auspiciousness का प्रतीक माना जाता है। 7. Apology Prayer (Kshama Yachna): Navratri के दौरान यदि कोई गलती हो गई हो तो नवमी के दिन Mata Durga से Forgiveness मांगें। सच्चे मन से मांगी गई क्षमा को मां अवश्य स्वीकार करती हैं। 8. Durga Chalisa Path: Maa Durga की स्तुति में Durga Chalisa Recitation करना भी अत्यंत फलदायी होता है और यह आपकी Spiritual Energy को बढ़ाता है। 9. Creative Activities: नवमी के दिन Creative Work में शामिल होना शुभ होता है। आप Arts, Music या किसी भी Positive Activity में अपना समय लगा सकते हैं। 10. Stay Positive: इस दिन पूर्ण रूप से Positive Thoughts में रहें और माँ दुर्गा के प्रति Devotion बनाए रखें। Negative Thinking से बचें।

श्री राम की कृपा पाने के लिए करिए इन मंत्रों का जाप, होगा सौभाग्य का उदय

Ram Navami 2025:R Chaitra Navratri 2025 के अंतिम दिन Ram Navami Festival का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार Ram Navami Date रविवार, 06 अप्रैल 2025 को है। शास्त्रों के अनुसार हिन्दुओं के आराध्य और Lord Vishnu Avatar भगवान श्रीराम ने त्रेता युग में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को Madhyahna Muhurat (Midday Time) में जन्म लिया था। इसी दिन का उत्सव मनाने के लिए हर साल चैत्र माह में नवरात्र की नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है। इस दिन पूरी दुनिया के Shri Ram Devotees अपने आराध्य Maryada Purushottam Lord Rama की पूरे मन और श्रद्धा से पूजा करते हैं। इस दिन भगवान के जन्म समय यानी मध्याह्न बेला (Midday Puja Time) तक Ram Navami Vrat (Fasting) रखा जाता है। Lord Rama साहस और वीरता का पर्याय हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति में Inner Courage and Strength का संचार होता है। श्रीराम की छवि मर्यादा पुरुषोत्तम की है, जिनके पूजन से घर में Peace, Prosperity, and Happiness का वातावरण निर्मित होता है। इसलिए भगवान राम के आशीर्वाद को पाने के लिए Ram Navami Puja Vidhi (Rituals) से भगवान श्रीराम की पूजा करनी चाहिए। पूजा के साथ ही Lord Ram Mantra Chanting करने का भी विधान है। इस आलेख में हम आपको वे अत्यंत प्रभावशाली 108 Powerful Shri Ram Mantras बता रहे हैं, जिनके जाप से आपका कल्याण होगा। 1. ॐ परस्मै ब्रह्मने नम: 2. ॐ सर्वदेवात्मकाय नमः 3. ॐ परमात्मने नम: 4. ॐ सर्वावगुनवर्जिताया नम: 5. ॐ विभिषनप्रतिश्थात्रे नम: 6. ॐ जरामरनवर्जिताया नम: 7. ॐ यज्वने नम: 8. ॐ सर्वयज्ञाधिपाया नम: 9. ॐ धनुर्धराया नम: 10. ॐ पितवाससे नम: 11. ॐ शुउराया नम: 12. ॐ सुंदराया नम: 13. ॐ हरये नम: 14. ॐ सर्वतिइर्थमयाया नम: 15. ॐ जितवाराशये नम: 16. ॐ राम सेतुक्रूते नम: 17. ॐ महादेवादिपुउजिताया नम: 18. ॐ मायामानुश्हा चरित्राया नम: 19. ॐ धिइरोत्तगुनोत्तमाया नम: 20. ॐ अनंतगुना गम्भिइराया नम: 21. ॐ राघवाया नम: 22. ॐ पुउर्वभाश्हिने नम: 23. ॐ मितभाश्हिने नम: 24. ॐ स्मितवक्त्राया नम: 25. ॐ पुरान पुरुशोत्तमाया नम: 26. ॐ अयासाराया नम: 27. ॐ पुंयोदयाया नम: 28. ॐ महापुरुष्हाय नम: 29. ॐ परमपुरुष्हाय नम: 30. ॐ आदिपुरुष्हाय नम: 31. ॐ स्म्रैता सर्वाघा नाशनाया नम: 32. ॐ सर्वपुंयाधिका फलाया नम: 33. ॐ सुग्रिइवेप्सिता राज्यदाया नम: 34. ॐ सर्वदेवात्मकाया परस्मै नम: 35. ॐ पाराया नम: 36. ॐ पारगाया नम: 37. ॐ परेशाया नम: 38. ॐ परात्पराया नम: 39. ॐ पराकाशाया नम: 40. ॐ परस्मै धाम्ने नम: 41. ॐ परस्मै ज्योतिश्हे नम: 42. ॐ सच्चिदानंद विग्रिहाया नम: 43. ॐ महोदराया नम: 44. ॐ महा योगिने नम: 45. ॐ मुनिसंसुतसंस्तुतया नम: 46. ॐ ब्रह्मंयाया नम: 47. ॐ सौम्याय नम: 48. ॐ सर्वदेवस्तुताय नम: 49. ॐ महाभुजाय नम: 50. ॐ महादेवाय नम: 51. ॐ राम मायामारिइचहंत्रे नम: 52. ॐ राम मृतवानर्जीवनया नम: 53. ॐ सर्वदेवादि देवाय नम: 54. ॐ सुमित्रापुत्र सेविताया नम: 55. ॐ राम जयंतत्रनवरदया नम: 56. ॐ चित्रकुउता समाश्रयाया नम: 57. ॐ राम राक्षवानरा संगथिने नम: 58. ॐ राम जगद्गुरवे नम: 59. ॐ राम जितामित्राय नम: 60. ॐ राम जितक्रोधाय नम: 61. ॐ राम जितेंद्रियाया नम: 62. ॐ वरप्रदाय नम: 63. ॐ पित्रै भक्ताया नम: 64. ॐ अहल्या शाप शमनाय नम: 65. ॐ दंदकारंय पुण्यक्रिते नम: 66. ॐ धंविने नम: 67. ॐ त्रिलोकरक्षकाया नम: 68. ॐ पुंयचारित्रकिइर्तनाया नमः 69. ॐ त्रिलोकात्मने नमः 70. ॐ त्रिविक्रमाय नमः 71. ॐ वेदांतसाराय नमः 72. ॐ तातकांतकाय नमः 73. ॐ जामद्ग्ंया महादर्पदालनाय नमः 74. ॐ दशग्रिइवा शिरोहराया नमः 75. ॐ सप्तताला प्रभेत्त्रे नमः 76. ॐ हरकोदांद खान्दनाय नमः 77. ॐ विभीषना परित्रात्रे नमः 78. ॐ विराधवाधपन दिताया नमः 79. ॐ खरध्वा.सिने नमः 80. ॐ कौसलेयाय नमः 81. ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः 82. ॐ व्रतधाराय नमः 83. ॐ सत्यव्रताय नमः 84. ॐ सत्यविक्रमाय नमः 85. ॐ सत्यवाचे नमः 86. ॐ वाग्मिने नमः 87. ॐ वालिप्रमाथानाया नमः 88. ॐ शरणात्राण तत्पराया नमः 89. ॐ दांताय नमः 90. ॐ विश्वमित्रप्रियाय नमः 91. ॐ जनार्दनाय नमः 92. ॐ जितामित्राय नमः 93. ॐ जैत्राय नमः 94. ॐ जानकिइवल्लभाय नमः 95. ॐ रघुपुंगवाय नमः 96. ॐ त्रिगुनात्मकाया नमः 97. ॐ त्रिमुर्तये नमः 98. ॐ दुउश्हना त्रिशिरो हंत्रे नमः 99. ॐ भवरोगस्या भेश्हजाया नमः 100. ॐ वेदात्मने नमः 101. ॐ राजीवलोचनाय नमः 102. ॐ राम शाश्वताया नमः 103. ॐ राम चंद्राय नमः 104. ॐ राम भद्राया नमः 105. ॐ राम रामाय नमः 106. ॐ सर्वदेवस्तुत नमः 107. ॐ महाभाग नमः 108. ॐ मायामारीचहन्ता नमः इन मंत्रों के उच्चारण के बाद भगवान राम की आरती करें : आरती कीजै श्री रघुवर जी की,सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की। दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन। अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,मर्यादा पुरुषोतम वर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की... निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि। हरण शोक-भय दायक नव निधि,माया रहित दिव्य नर वर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की... जानकी पति सुर अधिपति जगपति,अखिल लोक पालक त्रिलोक गति। विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,एक मात्र गति सचराचर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की... शरणागत वत्सल व्रतधारी,भक्त कल्प तरुवर असुरारी। नाम लेत जग पावनकारी,वानर सखा दीन दुख हर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की... राम जी की आरती श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... कन्दर्प अगणित अमित छवि,नव नील नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचिनौमि जनक सुतावरम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... भजु दीनबंधु दिनेशदानव दैत्य वंश निकन्दनम्। रघुनन्द आनन्द कन्द कौशलचन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... सिर मुकुट कुंडल तिलकचारू उदारु अंग विभूषणम्। आजानुभुज शर चाप-धर,संग्राम जित खरदूषणम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... इति वदति तुलसीदास,शंकर शेष मुनि मन रंजनम्। मम ह्रदय कंज निवास कुरु,कामादि खल दल गंजनम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... मन जाहि राचेऊ मिलहिसो वर सहज सुन्दर सांवरो। करुणा निधान सुजानशील सनेह जानत रावरो॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन... एहि भाँति गौरी असीससुन सिय हित हिय हरषित अली। तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनिमुदित मन मन्दिर चली॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...

महावीर जयंती 2025 शुभकामनाएं: अपने प्रियजनों को भेजें ये सुंदर और प्रेरणादायक विशेज

Mahavir Jayanti 2025 Wishes in Hindi: महावीर जयंती Jain Religion Festival के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह पर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर Lord Mahavir की जयंती के रूप में मनाया जाता है। Mahavir Jayanti 2025 Date की बात करें तो 2025 में यह पर्व 10 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धालु भगवान महावीर के जीवन, उपदेशों और Principles of Non-Violence (Ahimsa), Truth (Satya), Celibacy (Brahmacharya), Non-Possessiveness (Aparigraha) जैसे सिद्धांतों को याद करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। इस पावन अवसर पर लोग एक-दूसरे को Mahavir Jayanti Greetings in Hindi भेजते हैं। Lord Mahavir Teachings ने हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनके उपदेश आज भी जीवन को शांत, संयमित और सफल बनाने का रास्ता दिखाते हैं। ऐसे में, जब आप अपने दोस्तों और परिवार को Happy Mahavir Jayanti Quotes भेजते हैं, तो यह न सिर्फ शुभकामनाएं होती हैं, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मकता का संदेश भी बन जाती हैं। अगर आप भी अपने प्रियजनों को इस महावीर जयंती पर कुछ खास और दिल से भेजना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए हैं Top 20 Mahavir Jayanti Wishes, जो आप WhatsApp, Facebook, Instagram Story या Status for Mahavir Jayanti के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। महावीर जयंती 2025 शुभकामना संदेश हिंदी में (Mahavir Jayanti Wishes in Hindi): 1. "अहिंसा का पाठ पढ़ाया, सत्य का मार्ग दिखाया, भगवान महावीर ने जीवन का सार सिखाया। महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!" 2. "सत्य, अहिंसा और करुणा की प्रेरणा, भगवान महावीर का यही है मंत्र अद्वितीय। महावीर जयंती की मंगलकामनाएं।" 3. "जो सत्य और त्याग के पथ पर चले, महावीर वही जो सबका दुःख हर ले। Happy Mahavir Jayanti 2025!" 4. "अहिंसा परमो धर्मः, यही मंत्र अपनाओ हर कदम। भगवान महावीर की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं!" 5. "महावीर के विचारों को अपनाएं, जीवन को सुंदर और शांत बनाएं। महावीर जयंती की शुभकामनाएं!" 6. "भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलें, अंदर की शांति और सच्चाई से मिलें। Mahavir Jayanti Mubarak Ho!" 7. "चलो अहिंसा का दीप जलाएं, महावीर स्वामी की शिक्षाओं को अपनाएं। महावीर जयंती की हार्दिक बधाई!" 8. "दया, करुणा और संयम की राह पर चलो, जीवन को सफल और सुखी बना लो। महावीर जयंती की मंगलकामनाएं।" 9. "सत्य और प्रेम का हो मार्गदर्शन, हर जीवन में हो शांति और अनुशासन। Mahavir Jayanti Wishes in Hindi!" 10. "बिना हिंसा के भी जीत होती है, ये भगवान महावीर ने दुनिया को सिखाया है। महावीर जयंती पर शांति और प्रेम की शुभकामनाएं।" महावीर जयंती व्हाट्सएप स्टेटस 2025 के लिए (Mahavir Jayanti WhatsApp Status in Hindi): 11. "सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाएं, हर दिल में करुणा जगाएं। Happy Mahavir Jayanti 2025!" 12. "अहिंसा का संदेश फैलाओ, महावीर की राह अपनाओ। महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!" 13. "ना हो क्रोध, ना हो छल, बस हो शांति और सबका कल्याण। महावीर जयंती मुबारक हो!" 14. "भगवान महावीर की शिक्षाएं सदा अमर रहें, हम सभी का जीवन उज्ज्वल बनाएं।" 15. "जो अंदर जीत ले, वही सच्चा विजेता। महावीर ने हमें यही सिखाया है। शुभ महावीर जयंती!" 16. "संयम से जीवन जीना, यही है असली सफलता की कुंजी। महावीर जयंती पर यही सीख अपनाएं।" 17. "हर घर में हो अहिंसा की बात, हर मन में हो शांति की बात। महावीर जयंती की ढेरों शुभकामनाएं!" 18. "त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति, भगवान महावीर को शत्-शत् नमन।" 19. "सभी को मिले शांति और संयम का आशीर्वाद, महावीर जयंती की बहुत-बहुत बधाई।" 20. "महावीर स्वामी की शिक्षाएं हैं अमूल्य धरोहर, चलो उनके पदचिन्हों पर चलकर जीवन बनाएं बेहतर।"

भगवान महावीर चालीसा : जय महावीर दया के सागर

Mahavir Chalisa in Hindi: Jain Dharma अनुसार Bhagwan Mahavir Jain Religion के 24वें Tirthankar हैं। वर्ष 2025 में Mahavir Jayanti 10 अप्रैल, Thursday को मनाई जाएगी। यह दिन Lord Mahavir Birth Anniversary की याद में मनाया जाता है। Mahavir Swami का मानना था कि हमें दूसरों के प्रति वहीं thoughts and behavior रखना चाहिए जो हम स्वयं के लिए पसंद करते हैं। Bhagwan Mahavir का Ghantakarna Mahavir Mool Mantra सबसे अधिक powerful mantra माना गया है। श्री महावीर चालीसा : Mahavir Chalisa दोहा : सिद्ध समूह नमों सदा, अरु सुमरूं अरहन्त। निर आकुल निर्वांच्छ हो, गए लोक के अंत ॥ मंगलमय मंगल करन, वर्धमान महावीर। तुम चिंतत चिंता मिटे, हरो सकल भव पीर ॥ चौपाई : जय महावीर दया के सागर, जय श्री सन्मति ज्ञान उजागर। शांत छवि मूरत अति प्यारी, वेष दिगम्बर के तुम धारी। कोटि भानु से अति छबि छाजे, देखत तिमिर पाप सब भाजे। महाबली अरि कर्म विदारे, जोधा मोह सुभट से मारे। काम क्रोध तजि छोड़ी माया, क्षण में मान कषाय भगाया। रागी नहीं नहीं तू द्वेषी, वीतराग तू हित उपदेशी। प्रभु तुम नाम जगत में सांचा, सुमरत भागत भूत पिशाचा। राक्षस यक्ष डाकिनी भागे, तुम चिंतत भय कोई न लागे। महा शूल को जो तन धारे, होवे रोग असाध्य निवारे। व्याल कराल होय फणधारी, विष को उगल क्रोध कर भारी। महाकाल सम करै डसन्ता, निर्विष करो आप भगवन्ता। महामत्त गज मद को झारै, भगै तुरत जब तुझे पुकारै। फार डाढ़ सिंहादिक आवै, ताको हे प्रभु तुही भगावै। होकर प्रबल अग्नि जो जारै, तुम प्रताप शीतलता धारै। शस्त्र धार अरि युद्ध लड़न्ता, तुम प्रसाद हो विजय तुरन्ता। पवन प्रचण्ड चलै झकझोरा, प्रभु तुम हरौ होय भय चोरा। झार खण्ड गिरि अटवी मांहीं, तुम बिनशरण तहां कोउ नांहीं। वज्रपात करि घन गरजावै, मूसलधार होय तड़कावै। होय अपुत्र दरिद्र संताना, सुमिरत होत कुबेर समाना। बंदीगृह में बँधी जंजीरा, कठ सुई अनि में सकल शरीरा। राजदण्ड करि शूल धरावै, ताहि सिंहासन तुही बिठावै। न्यायाधीश राजदरबारी, विजय करे होय कृपा तुम्हारी। जहर हलाहल दुष्ट पियन्ता, अमृत सम प्रभु करो तुरन्ता। चढ़े जहर, जीवादि डसन्ता, निर्विष क्षण में आप करन्ता। एक सहस वसु तुमरे नामा, जन्म लियो कुण्डलपुर धामा। सिद्धारथ नृप सुत कहलाए, त्रिशला मात उदर प्रगटाए। तुम जनमत भयो लोक अशोका, अनहद शब्दभयो तिहुँलोका। इन्द्र ने नेत्र सहस्र करि देखा, गिरी सुमेर कियो अभिषेखा। कामादिक तृष्णा संसारी, तज तुम भए बाल ब्रह्मचारी। अथिर जान जग अनित बिसारी, बालपने प्रभु दीक्षा धारी। शांत भाव धर कर्म विनाशे, तुरतहि केवल ज्ञान प्रकाशे। जड़-चेतन त्रय जग के सारे, हस्त रेखवत्‌ सम तू निहारे। लोक-अलोक द्रव्य षट जाना, द्वादशांग का रहस्य बखाना। पशु यज्ञों का मिटा कलेशा, दया धर्म देकर उपदेशा। अनेकांत अपरिग्रह द्वारा, सर्वप्राणि समभाव प्रचारा। पंचम काल विषै जिनराई, चांदनपुर प्रभुता प्रगटाई। क्षण में तोपनि बाढि-हटाई, भक्तन के तुम सदा सहाई। मूरख नर नहिं अक्षर ज्ञाता, सुमरत पंडित होय विख्याता। सोरठा : करे पाठ चालीस दिन नित चालीसहिं बार। खेवै धूप सुगन्ध पढ़, श्री महावीर अगार ॥ जनम दरिद्री होय अरु जिसके नहिं सन्तान। नाम वंश जग में चले होय कुबेर समान ॥