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Shri Janki Ji Arti || श्री जानकी जी की आरती : Full Lyrics
Shri Janki Ji Arti (श्री जानकी जी की आरती)
श्री Janki Ji की आरती देवी Sita Mata की divine grace और पवित्रता का वर्णन करती है। Hindu mythology में उन्हें goddess of devotion, purity और strength के रूप में revered किया जाता है। यह आरती भक्तों को peace, happiness और spiritual energy प्रदान करती है। Sita Mata की पूजा से life में obstacles दूर होते हैं और prosperity, blessings और positivity का संचार होता है। उनकी आरती का गान भक्तों को divine protection और dharma के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।श्री जानकी-वन्दन
उदभवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम् ।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोड्हें रामवल्लभाम् ॥
श्री जानकी जी की आरती (Shri Janki JI Arti)
आरती जनक-ललीकी कीजै।
सुबरन-थार बारि घृत-बाती, तन निज खारि रूप-रस पीजै॥
गौर-बरन सुंदर तन सोभा नख-सिख छवि नैननि भरि लीजै।
सरस-माधुरी स्वामिनि मेरी चरन-कमलमें चित नित दीजै॥
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Shri Sita Kavacham (श्री सीता कवचम्)
श्री सीता कवचम् एक अद्भुत वैदिक स्तोत्र है, जो देवी सीता की महिमा और सुरक्षा प्रदान करने वाले गुणों का वर्णन करता है। यह कवच भगवान श्रीराम की परम प्रिया और त्याग, धैर्य, एवं निष्ठा की प्रतीक माता सीता की स्तुति करता है। यह कवच भक्तों को देवी सीता के समान साहस और धैर्य प्रदान करने में सहायक है। यह स्तोत्र उनके आशीर्वाद के साथ जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि लाने की शक्ति रखता है। इस कवच का पाठ जीवन में "positivity", "spiritual growth" और "divine blessings" लाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। "Protection mantra", "Hindu scriptures", और "devotional hymns" जैसे विषयों से जुड़ने वाले पाठकों के लिए यह कवच अत्यंत प्रभावी है।Kavacha
Shri Janaki Ji Arti 2 (श्री जानकी जी की आरती)
श्री Janki Ji की आरती देवी Sita Mata की सहनशीलता, त्याग और अद्वितीय शक्ति का स्मरण कराती है। वह Hindu culture में ideal womanhood और unconditional devotion की प्रतीक हैं। इस आरती का गान भक्तों के मन में serenity, positivity और divine love की भावना जाग्रत करता है। Sita Mata की आराधना से परिवार में harmony, prosperity और spiritual growth आती है। उनकी महिमा troubles को दूर कर जीवन में courage और dharma का संचार करती है।Arti
Shri Janaki Ji Stuti (श्री जानकी स्तुति )
श्रीस्कन्दमहापुराण में सेतुमाहात्म्य के अन्तर्गत् भगवती जानकी की स्तुति का प्रकरण प्राप्त होता है । इस स्तुति का पाठ करने से पापों का नाश, दरिद्रता का संहार तथा साधक को अभीष्ट वस्तु की प्राप्ति होती है ।Stuti