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Krishna Janmashtami Puja Vidhi || कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
Krishna Janmashtami Puja Vidhi (कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि)
यह पृष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी के समय की जाने वाली श्री कृष्ण पूजा के सभी चरणों का वर्णन करता है। इस पृष्ठ पर दी गयी पूजा में षोडशोपचार पूजा के सभी १६ चरणों का समावेश किया गया है और सभी चरणों का वर्णन वैदिक मन्त्रों के साथ दिया गया है। जन्माष्टमी के दौरान की जाने वाली श्री कृष्ण पूजा में यदि षोडशोपचार पूजा के सोलह (१६) चरणों का समावेश हो तो उसे षोडशोपचार जन्माष्टमी पूजा विधि के रूप में जाना जाता है।Page no.
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भगवद गीता के दूसरे अध्याय का नाम "सांख्य योग" या "ज्ञान का योग" है। यह अध्याय गीता का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है, क्योंकि इसमें भगवान कृष्ण अर्जुन को जीवन, कर्तव्य और आत्मा के गूढ़ रहस्यों का ज्ञान देते हैं। श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा की अमरता, कर्मयोग का महत्व और समभाव बनाए रखने की शिक्षा देते हैं। यह अध्याय जीवन में सही दृष्टिकोण अपनाने और अपने धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।Bhagwat-Gita
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Murari Stuti (मुरारि स्तुति)
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