No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Bhairava Rupa Shiva Stuti || भैरवरूप शिव स्तुति : कालभैरव के दिव्य स्वरूप की स्तुति
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति)
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति) भगवान Shiva के उग्र और Bhairava स्वरूप को समर्पित एक दिव्य stuti है। भगवान भैरव को protector, destroyer of negativity और guardian of cosmic order माना जाता है। यह hymn भगवान शिव के उन गुणों को दर्शाता है, जिनमें वे fearlessness, protection, और justice के प्रतीक हैं। इस stuti का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से fear, obstacles, और negative energies समाप्त होती हैं। विशेष रूप से Kalabhairava Ashtami और Amavasya के दिन इसका recitation अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। Bhairava के भक्तों को इस stuti का नित्य पाठ करना चाहिए, जिससे वे courage, strength, और divine blessings प्राप्त कर सकें।॥ भैरवरूप शिव स्तुति ॥
(Bhairava Rupa Shiva Stuti)
देव, भीषणाकार, भैरव, भयंकर,
भूत-प्रेत-प्रमथाधिपति, विपति-हर्ता ।
मोह-मूषक-मार्जार, संसार-भय-हरण,
तारण-तरण, अभय कर्ता ॥
अतुल बल, विपुलविस्तार, विग्रहगौर,
अमल अति धवल धरणीधराभं ।
शिरसि संकुलित-कल-जूट पिंगलजटा,
पटल शत-कोटि-विद्युच्छटाभं ॥
भ्राज विबुधापगा आप पावन परम,
मौलि-मालेव शोभा विचित्रं ।
ललित लल्लाटपर राज रजनीशकल,
कलाधर, नौमि हर धनद-मित्रं ॥
इंदु-पावक-भानु-भानुनयन, मर्दन-मयन,
गुण-अयन, ज्ञान-विज्ञान-रूपं ।
रमण-गिरिजा, भवन भूधराधिप सदा,
श्रवण कुंडल, वदनछवि अनूपं ॥
चर्म-चर्म असि-शूल-धर, डमरु-शर-चाप-कर,
यान वृषभेश, करुणा-निधानं ।
जरत सुर-असुर, नरलोक शोकाकुलं,
मृदुलचित, अजित, कृत गरलपानं ॥
भस्म तनु-तनुभूषणं, भूषणंव्याघ्र-चर्माम्बरं,
उरग-नर-मौलि उर मालधारी ।
डाकिनी, शाकिनी, खेचरं, भूचरं,
यंत्र-मंत्र-भंजन, प्रबल कल्मषारी ॥
काल-अतिकाल, कलिकाल, व्यालादि-खग,
त्रिपुर-मर्दन, भीम-कर्म भारी ।
सकल लोकान्त-कल्पान्त शूलाग्र
कृत दिग्गजाव्यक्त-गुण नृत्यकारी ॥
पाप-संताप-घनघोर संसृति दीन,
भ्रमत जग योनि नहिं कोपि त्राता ।
पाहि भैरव-रूप राम-रूपी रुद्र, बंधु,
बंधुगुरु, जनक, जननी, विधाता ॥
यस्य गुण-गण गणति विमल मति शारधा,
निगम नारद-प्रमुख ब्रह्मचारी ।
शेष, सर्वेश, आसीन आनंदवन,
दास टुलसी प्रणत-त्रासहारी ॥
Related to Shiv
Bhagwan Shri Shivshankar Arti (भगवान् श्री शिवशंकर की आरती)
भगवान महादेव की आरती भगवान शिव की स्तुति में गाया जाने वाला एक भक्तिपूर्ण गीत है। इस आरती के माध्यम से भक्त Lord Shiva से आशीर्वाद, दुखों का नाश, और मोक्ष की कामना करते हैं।Arti
Sharabheshashtakam (शरभेशाष्टकम्)
शरभेशाष्टकम् भगवान शरभेश्वर को समर्पित एक भजन है, जो उनकी अनंत महिमा और शक्तियों का वर्णन करता है।Ashtakam
Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Bhagwan Shri Bholenath Arti (भगवान् श्री भोलेनाथ जी की आरती )
भगवान भोलेनाथ की आरती भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। इसमें भोलेनाथ के सरल स्वभाव, दयालुता और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है। Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Shankar, और Bholenath के नाम से भी जाना जाता है, के भक्त उनकी आरती गाकर दुखों का नाश, शांति, और मोक्ष की कामना करते हैं।Arti
Mahamrityunjaya Mantra (संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र)
महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख Rigveda से लेकर Yajurveda तक में मिलता है। वहीं Shiv Puran सहित अन्य scriptures में भी इसका importance बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो death को जीतने वाला हो। इसलिए Lord Shiva की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का chanting किया जाता है। इसके chanting से संसार के सभी sufferings से liberation मिलती है। ये मंत्र life-giving है। इससे vitality तो बढ़ती ही है साथ ही positivity बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के effect से हर तरह का fear और tension खत्म हो जाती है। Shiv Puran में उल्लेख किए गए इस मंत्र के chanting से आदि शंकराचार्य को भी life की प्राप्ति हुई थी।Mantra
Shiv Ashtakam Stotra (शिवाष्टकम्)
शिवाष्टकम् भगवान शिव की महिमा और शक्ति का वर्णन करने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और स्तुति करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है, और एक बार प्रसन्न होने पर वह अपने भक्तों से सभी कष्टों और विपत्तियों को नष्ट कर देते हैं। शिवाष्टकम् का उच्चारण करने से भक्त को भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त होती है, जिससे वे अपने अस्तित्व को समझ पाते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। भगवान शिव वह दिव्य शक्ति हैं जो किसी भी परिस्थिति का मार्ग बदल सकते हैं और जो सब कुछ का नियंत्रण करते हैं। वह सभी स्थानों में विद्यमान हैं—सूर्य, चंद्रमा, वायु, यज्ञों में और हर एक तत्व में। सभी वेद और संत भगवान शिव की पूजा करते हैं, क्योंकि वह शुद्धता और धर्म का परम स्वरूप हैं। उनका अस्तित्व समग्र सृष्टि में व्याप्त है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता और शांति प्राप्त होती है।Stotra
Daridraya Dahan Shiva Stotram (दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम्)
Daridraya Dahan Shiva Stotram भगवान Lord Shiva की कृपा प्राप्त करने वाला एक Powerful Hindu Stotra है। इसका पाठ करने से Shiva Devotees को Wealth, Prosperity, and Abundance की प्राप्ति होती है। इस Sacred Hymn का नियमित जाप Financial Problems और दरिद्रता को नष्ट करता है। Shiva Mantra Chanting से जीवन में Positive Energy और सौभाग्य बढ़ता है। Lord Shiva Worship करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह Auspicious Stotra साधकों को समृद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है।Stotra
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) (श्री नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्))
Shri Nataraja Stotram (Patanjali Krutam) भगवान Lord Nataraja के महिमा का गान करने वाला एक अद्भुत Hindu Stotra है। इसे Rishi Patanjali ने रचित किया है और यह Dance Form of Shiva का वर्णन करता है। इस Divine Hymn का Chanting से भक्तों को Spiritual Awakening और Divine Knowledge प्राप्त होती है। Lord Shiva Worship में Nataraja Stotra का जाप जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Energy लाता है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Inner Strength और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। भगवान Nataraja’s Grace से साधक को Moksha और जीवन में Divine Blessings प्राप्त होती हैं।Stotra