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Nanda Kumar Ashtkam (नंद कुमार अष्टकम्)
नंद कुमार अष्टकम् (Nanda Kumar Ashtkam)
सुंदरगोपालं उरवनमालं नयनविशालं दुःखहरं
बृंदावनचंद्रमानंदकंदं परमानंदं धरणिधरम् ।
वल्लभघनश्यामं पूर्णकामं अत्यभिरामं प्रीतिकरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 1 ॥
सुंदरवारिजवदनं निर्जितमदनं आनंदसदनं मुकुटधरं
गुंजाकृतिहारं विपिनविहारं परमोदारं चीरहरम् ।
वल्लभपटपीतं कृत उपवीतं करनवनीतं विबुधवरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 2 ॥
शोभितसुखमूलं यमुनाकूलं निपट अतूलं सुखदतरं
मुखमंडितरेणुं चारितधेनुं वादितवेणुं मधुरसुरम् ।
वल्लभमतिविमलं शुभपदकमलं नखरुचि अमलं तिमिरहरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 3 ॥
शिरमुकुटसुदेशं कुंचितकेशं नटवरवेषं कामवरं
मायाकृतमनुजं हलधर अनुजं प्रतिहतदनुजं भारहरम् ।
वल्लभव्रजपालं सुभगसुचालं हितमनुकालं भाववरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 4 ॥
इंदीवरभासं प्रकटसरासं कुसुमविकासं वंशधरं
हृत्मन्मथमानं रूपनिधानं कृतकलगानं चित्तहरम् ।
वल्लभमृदुहासं कुंजनिवासं विविधविलासं केलिकरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 5 ॥
अतिपरमप्रवीणं पालितदीनं भक्ताधीनं कर्मकरं
मोहनमतिधीरं फणिबलवीरं हतपरवीरं तरलतरम् ।
वल्लभव्रजरमणं वारिजवदनं हलधरशमनं शैलधरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 6 ॥
जलधरद्युतिअंगं ललितत्रिभंगं बहुकृतिरंगं रसिकवरं
गोकुलपरिवारं मदनाकारं कुंजविहारं गूढतरम् ।
वल्लभव्रजचंद्रं सुभगसुछंदं कृत आनंदं भ्रांतिहरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 7 ॥
वंदितयुगचरणं पावनकरणं जगदुद्धरणं विमलधरं
कालियशिरगमनं कृतफणिनमनं घातितयमनं मृदुलतरम् ।
वल्लभदुःखहरणं निर्मलचरणं अशरणशरणं मुक्तिकरं
भज नंदकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् ॥ 8 ॥
इति श्रीमद्वल्लभाचार्यविरचितं श्रीनंदकुमाराष्टकम् ॥
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