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Narayaniyam Dashaka 13 (नारायणीयं दशक 13)
नारायणीयं दशक 13 (Narayaniyam Dashaka 13)
हिरण्याक्षं तावद्वरद भवदन्वेषणपरं
चरंतं सांवर्ते पयसि निजजंघापरिमिते ।
भवद्भक्तो गत्वा कपटपटुधीर्नारदमुनिः
शनैरूचे नंदन् दनुजमपि निंदंस्तव बलम् ॥1॥
स मायावी विष्णुर्हरति भवदीयां वसुमतीं
प्रभो कष्टं कष्टं किमिदमिति तेनाभिगदितः ।
नदन् क्वासौ क्वासविति स मुनिना दर्शितपथो
भवंतं संप्रापद्धरणिधरमुद्यंतमुदकात् ॥2॥
अहो आरण्योऽयं मृग इति हसंतं बहुतरै-
र्दुरुक्तैर्विध्यंतं दितिसुतमवज्ञाय भगवन् ।
महीं दृष्ट्वा दंष्ट्राशिरसि चकितां स्वेन महसा
पयोधावाधाय प्रसभमुदयुंक्था मृधविधौ ॥3॥
गदापाणौ दैत्ये त्वमपि हि गृहीतोन्नतगदो
नियुद्धेन क्रीडन् घटघटरवोद्घुष्टवियता ।
रणालोकौत्सुक्यान्मिलति सुरसंघे द्रुतममुं
निरुंध्याः संध्यातः प्रथममिति धात्रा जगदिषे ॥4॥
गदोन्मर्दे तस्मिंस्तव खलु गदायां दितिभुवो
गदाघाताद्भूमौ झटिति पतितायामहह! भोः ।
मृदुस्मेरास्यस्त्वं दनुजकुलनिर्मूलनचणं
महाचक्रं स्मृत्वा करभुवि दधानो रुरुचिषे ॥5॥
ततः शूलं कालप्रतिमरुषि दैत्ये विसृजति
त्वयि छिंदत्येनत् करकलितचक्रप्रहरणात् ।
समारुष्टो मुष्ट्या स खलु वितुदंस्त्वां समतनोत्
गलन्माये मायास्त्वयि किल जगन्मोहनकरीः ॥6॥
भवच्चक्रज्योतिष्कणलवनिपातेन विधुते
ततो मायाचक्रे विततघनरोषांधमनसम् ।
गरिष्ठाभिर्मुष्टिप्रहृतिभिरभिघ्नंतमसुरं
स्वपादांगुष्ठेन श्रवणपदमूले निरवधीः ॥7॥
महाकायः सो॓ऽयं तव चरणपातप्रमथितो
गलद्रक्तो वक्त्रादपतदृषिभिः श्लाघितहतिः ।
तदा त्वामुद्दामप्रमदभरविद्योतिहृदया
मुनींद्राः सांद्राभिः स्तुतिभिरनुवन्नध्वरतनुम् ॥8॥
त्वचि छंदो रोमस्वपि कुशगणश्चक्षुषि घृतं
चतुर्होतारोऽंघ्रौ स्रुगपि वदने चोदर इडा ।
ग्रहा जिह्वायां ते परपुरुष कर्णे च चमसा
विभो सोमो वीर्यं वरद गलदेशेऽप्युपसदः ॥9॥
मुनींद्रैरित्यादिस्तवनमुखरैर्मोदितमना
महीयस्या मूर्त्या विमलतरकीर्त्या च विलसन् ।
स्वधिष्ण्यं संप्राप्तः सुखरसविहारी मधुरिपो
निरुंध्या रोगं मे सकलमपि वातालयपते ॥10॥
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Shri Hari Sharanashtakam (श्री हरि शरणाष्टकम् )
Hari Sharan Ashtakam (हरि शरण अष्टकम): हरी शरण अष्टकम Lord Hari या Mahavishnu को समर्पित एक Ashtakam है। Mahabharata के Vishnu Sahasranama Stotra में "Hari" नाम Vishnu का 650वां नाम है। संस्कृत शब्द 'Sharanam' का अर्थ है Shelter। यह मंत्र हमें Hari's Shelter में लाने की प्रार्थना करता है, जो Place of Refuge है। Hari's Protection का आशीर्वाद सभी Anxieties को दूर कर देता है। Hari Sharan Ashtakam Stotra Prahlad द्वारा Lord Hari की Praise में रचित और गाया गया था। यह प्रार्थना Vishnu को Hari के रूप में समर्पित है। Hari का अर्थ है वह जो आपको True Path दिखाते हैं और उस Illusion (Maya) को दूर करते हैं जिसमें आप जी रहे हैं। यदि इस Stotra का सच्चे मन और Devotion के साथ पाठ किया जाए, तो यह व्यक्ति को Moksha (Ultimate Liberation) के मार्ग पर स्थापित कर सकता है। Hari Vedas, Guru Granth Sahib, और South Asian Sacred Texts में Supreme Absolute का एक नाम है। Rigveda's Purusha Suktam (जो Supreme Cosmic Being की Praise करता है), में Hari God (Brahman) का पहला और सबसे महत्वपूर्ण नाम है। Yajurveda's Narayan Suktam के अनुसार, Hari और Purusha के बाद Supreme Being का वैकल्पिक नाम Narayan है। Hindu Tradition में, Hari और Vishnu को एक-दूसरे के समान माना जाता है। Vedas में, किसी भी Recitation के पहले "Hari Om" Mantra का उच्चारण करने का नियम है, ताकि यह घोषित किया जा सके कि हर Ritual उस Supreme Divine को समर्पित है, भले ही वह किसी भी Demi-God की Praise क्यों न हो। Hinduism में, किसी भी God's Praise Song को "Hari Kirtan" कहा जाता है और Storytelling को "Hari Katha" के रूप में जाना जाता है।Ashtakam
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