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Shri Hari Stotram || श्री हरि स्तोत्रम् : Full Lyrics in Sanskrit; जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं स्तोत्रम् |
Shri Hari Stotram (श्री हरि स्तोत्रम्)
Shri Hari Stotram भगवान Vishnu की divine glory और supreme power का गुणगान करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant उनके infinite mercy, protection, और grace का वर्णन करता है। इस stotra के पाठ से negative energy दूर होती है और spiritual growth बढ़ती है। भक्तों को peace, prosperity, और divine blessings प्राप्त होते हैं। यह powerful mantra भगवान Hari की bhakti को गहरा करता है और karma व moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Shri Hari Stotram का जाप करने से जीवन में positivity और harmony आती है।श्री हरि स्तोत्रम्
(Shri Hari Stotram)
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चंद्रफालं महादैत्यकालम् ।
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 1 ॥
सदांभोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम् ।
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 2 ॥
रमाकंठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलांतर्विहारं धराभारहारम् ।
चिदानंदरूपं मनोज्ञस्वरूपं
धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 3 ॥
जराजन्महीनं परानंदपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनम् ।
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 4 ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम् ।
स्वभक्तानुकूलं जगद्वृक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 5 ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्बिंबलेशं हृदाकाशवेशम् ।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुंठगेहं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 6 ॥
सुरालीबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम् ।
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
भवांभोधितीरं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 7 ॥
रमावामभागं तलालग्ननागं
कृताधीनयागं गतारागरागम् ।
मुनींद्रैस्सुगीतं सुरैस्संपरीतं
गुणौघैरतीतं भजेऽहं भजेऽहम् ॥ 8 ॥
फलश्रुति ।
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कंठहारं मुरारेः ।
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विंदते नो ॥ 9 ॥
इति श्री परमहंसस्वामि ब्रह्मानंदविरचितं श्रीहरिस्तोत्रम् ॥
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