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Venu Gopala Ashtakam (वेणु गोपाल अष्टकम्)
वेणु गोपाल अष्टकम् (Venu Gopala Ashtakam)
कलितकनकचेलं खंडितापत्कुचेलं
गलधृतवनमालं गर्वितारातिकालम् ।
कलिमलहरशीलं कांतिधूतेंद्रनीलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 1 ॥
व्रजयुवतिविलोलं वंदनानंदलोलं
करधृतगुरुशैलं कंजगर्भादिपालम् ।
अभिमतफलदानं श्रीजितामर्त्यसालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 2 ॥
घनतरकरुणाश्रीकल्पवल्ल्यालवालं
कलशजलधिकन्यामोदकश्रीकपोलम् ।
प्लुषितविनतलोकानंतदुष्कर्मतूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 3 ॥
शुभदसुगुणजालं सूरिलोकानुकूलं
दितिजततिकरालं दिव्यदारायितेलम् ।
मृदुमधुरवचःश्री दूरितश्रीरसालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 4 ॥
मृगमदतिलकश्रीमेदुरस्वीयफालं
जगदुदयलयस्थित्यात्मकात्मीयखेलम् ।
सकलमुनिजनालीमानसांतर्मरालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 5 ॥
असुरहरणखेलनं नंदकोत्क्षेपलीलं
विलसितशरकालं विश्वपूर्णांतरालम् ।
शुचिरुचिरयशश्श्रीधिक्कृत श्रीमृणालं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 6 ॥
स्वपरिचरणलब्ध श्रीधराशाधिपालं
स्वमहिमलवलीलाजातविध्यंडगोलम् ।
गुरुतरभवदुःखानीक वाःपूरकूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 7 ॥
चरणकमलशोभापालित श्रीप्रवालं
सकलसुकृतिरक्षादक्षकारुण्य हेलम् ।
रुचिविजिततमालं रुक्मिणीपुण्यमूलं
विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ 8 ॥
श्रीवेणुगोपाल कृपालवालां
श्रीरुक्मिणीलोलसुवर्णचेलाम् ।
कृतिं मम त्वं कृपया गृहीत्वा
स्रजं यथा मां कुरु दुःखदूरम् ॥ 9 ॥
इति श्री वेणुगोपालाष्टकम् ।
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