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Shri Shiv Sukti || श्री शिव सूक्ति : भगवान शंकर की शिव स्तुति; Full Lyrics
Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)
श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।श्री शिव सूक्ति (Shri Shiv Sukti)
जय जय हे शिव दर्पकदाहक दैत्यविघातक भूतपते
दशमुखनायक शायकदायक कालभयानक भक्तगते।
त्रिभुवनकारकधारकमारक संसृतिकारक धीरमते
हरिगुणगायक ताण्डवनायक मोशक्षवि धायक योगरते||१॥
शिशिरकिरणधारी शैलबालाविहारी
भवजलनिधितारी योगिहत्यदचारी ।
शम्ननजभयहारी प्रेतभूमिप्रचारी
कृपयतु मयि देवः कोऽपि संहारकारी॥ २॥*
यः शङ्करोऽपि प्रणयं करोति स्थाणुस्तथा यः परपूरुषो5पि।
उपागृहीतोऽप्यनुमागृहीतः पायादपायात्स दिनः स्वयभ्भूः॥३॥
मूर्द्धप्रोद्धासिगड़ेक्षणगिरितनयादु:खनि: भ्रासपात-
स्फायन्मालिन्यरेखाछविरिव गरलं राजते यस्य कण्ठे।
सोऽयं कारुण्यसिन्धु: सुरवरमुनिभिः स्तूयमानो वरेण्यो
नित्यं पायादपायात्सततशिब्करः श्रः किधर माम् ॥।४॥*
कि सुपौऽसि किमाकुलोऽसि जगतः सृष्टस्य रक्षाविधौ
कि वा निष्करूणोऽसि नूनमथवा क्षीबः स्वतन्ऽसि किम् ।
च्छि वा मादृशनिःशरण्यकृपणाभाग्यैर5्चजाडगसोि
स्वामिन्यन्न शृणोषि मे विलपितं चन् ्नोत्तर यच्छसि
कुन्दडइन्दुदरगौरसुन्द्रं अम्बिकापतिमभीछ सिद्द्धिदम् |
कारुणीककलकजझ्जञलोचनं नौमि शङ्करमनङ्धमोचनम् ॥६॥
पलं धर्पतरोर्सिवेकजलधेः पृणेन्दुमानन्ददं
वैराग्याम्बुजभास्करं हाधघनध्वान्तापदहं तापहम् ।
मोहाम्भोधरपुगपाटनविधौ श्वासं भवं शङ्करं
वन्दे ब्रह्मकुलं कलद्भशमनं श्रीरामभूपप्रियम् ॥७॥
कदा द्वेत॑ पप्यन्नखिलमपि सत्यं शिवमयं
महावाक्यार्थानामवगतसमणभ्यासवशत: |
गतद्वैताभावः शिव शिवं शिवेत्येव विलपन्
मुनिन व्यामोहं भजति गुरुदीश्चाश्चत्तततमाः॥ ८ ॥
त्राता यत्र न कश्चिदस्ति विषमे तत्र प्रहर्तुं. पथि
दरोग्धारो यदि जाग्रति प्रतिविधिः कस्तत्र शक्यक्रियः।
यत्र त्वं करुणार्णवस्त्रिभुवनत्राणप्रवीणः प्रभु
स्तत्रापि प्रहरन्ति चेत् परिभवः कस्यैष गर्हावबहः॥९॥
अज्ञानान्धमबान्धवं कवलितं रश्चोभिरक्षाभिधेः
क्षिप्तं मोहमदान्धकूपकुहरे दुहैदभिराभ्यन्तैः।
क्रन्दम्तं श्ररणागतं गतधृतिं सर्वापदामास्पदं
मा मा मुद महेश पेशलदृशा सत्रासप्राश्चासय॥ ९०॥
कदा वबाराणस्याममरतटिनीरौधसि वसन्
सानः कौपीनं शिरसि निदधानोऽद्चलिपुटम् ।
अये गौरीनाथ त्रिपुरहर शम्भो त्रिनयन
प्रसीदेत्याक्रोष्न् निमिषमिव नेष्यामि दिवसान् ॥१९॥
कदा वाराणस्यां विमलतटिनीतीरपुलिने
चरन्तं भूतेशं गणपतिभवान्यादिसहितम्।
अये शम्भो स्वामिन् मधुरडमरूवादन विभो
प्रसीदेत्याक्रोशन् निमिषमिव नेष्यामि दिवसान् ॥ १२॥
कल्पान्तक्रूरकेलिः क्रतुकदनकरः कुन्दकर्पूरकान्तिः
क्रीडन्कैलासकूटे कलितकुमुदिनीकामुकः कान्तकायः ।
कङ्कालक्रीडनोत्कः कलितकलकलः कालकालीकलत्रः कालिन्दीकालकण्ठः कलयतु कुशलं कोऽपि कापालिकः कौ ॥ १३॥ स्फुरत्स्फारज्योत्स्नाधवलिततले क्रापि पुलिने
सुखासीनाः शान्तध्वनिषु रजनीषु द्युसरितः ।
भवाभोगोद्विग्नाः शिव शिव शिवेत्यार्तवचसा
इत्यक्षरद्वयविपर्ययकेलिशील
किं नाम कुर्वति नमो न मनः करोषि ॥ १५॥
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Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Shri Maha Mrityunjay Kavach (श्री महा मृत्युञ्जय कवच)
महा मृत्युञ्जय कवच का पाठ करने से जपकर्ता की देह सुरक्षित होती है। जिस प्रकार सैनिक की रक्षा उसके द्वारा पहना गया कवच करता है उसी प्रकार साधक की रक्षा यह कवच करता है। इस कवच को लिखकर गले में धारण करने से शत्रु परास्त होता है। इसका प्रातः, दोपहर व सायं तीनों काल में जप करने से सभी सुख प्राप्त होते हैं। इसके धारण मात्र से किसी शत्रु द्वारा कराए गए तांत्रिक अभिचारों का अंत हो जाता है। धन के इच्छुक को धन, संतान के इच्छुक को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।Kavacha
Shri Shrishail Mallikarjun Suprabhatam (श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम्)
श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम् भगवान मल्लिकार्जुन को समर्पित एक प्रार्थना है, जो भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रातःकालीन भजन के रूप में गाई जाती है।Shloka-Mantra
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति)
Bhairava Rupa Shiva Stuti (भैरवरूप शिव स्तुति) भगवान Shiva के उग्र और Bhairava स्वरूप को समर्पित एक दिव्य stuti है। भगवान भैरव को protector, destroyer of negativity और guardian of cosmic order माना जाता है। यह hymn भगवान शिव के उन गुणों को दर्शाता है, जिनमें वे fearlessness, protection, और justice के प्रतीक हैं। इस stuti का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से fear, obstacles, और negative energies समाप्त होती हैं। विशेष रूप से Kalabhairava Ashtami और Amavasya के दिन इसका recitation अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। Bhairava के भक्तों को इस stuti का नित्य पाठ करना चाहिए, जिससे वे courage, strength, और divine blessings प्राप्त कर सकें।Stuti
Chandrashekharashtakam (चन्द्रशेखराष्टकम्)
चन्द्रशेखराष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गान करता है और भक्तों को भय से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है।Ashtakam
Shri Kashi Vishwanath Stotram (श्री काशी विश्वनाथ स्तोत्रम्)
Shri Kashi Vishwanath Stotram भगवान Lord Shiva के काशी स्थित Vishwanath Temple में पूजा करने का एक महत्वपूर्ण Hindu Stotra है। यह Sacred Hymn भक्तों को Spiritual Enlightenment और Divine Blessings प्रदान करता है। इस स्तोत्र का Recitation करने से जीवन में Peace, Prosperity, and Protection मिलती है। Lord Vishwanath Worship से Negative Energy का नाश होता है और Positive Transformation होती है। काशी में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को Moksha की प्राप्ति होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Spiritual Awakening और जीवन में Divine Grace प्रदान करता है।Stotra
Shri Shiv Aparadh Kshamapan Stotram (श्री शिवापराध क्षमापण स्तोत्रम्)
Shiv Apradh Kshamapan Stotra(शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र) आदि Adi Shankaracharya द्वारा रचित एक दिव्य Sacred Stotra है, जिसे Lord Shiva की पूजा में Forgiveness Prayer के लिए गाया जाता है 🙏। यह Hindu Devotional Stotra पूजा और Worship के दौरान हुई भूलों के लिए Apology Request करने का सर्वोत्तम साधन है। इस Powerful Hymn का नियमित पाठ Sadhak को Goddess Durga’s Blessings और Lord Shiva’s Infinite Grace प्रदान करता है। इस Shiva Stotra में भक्त Lord Shiva से हाथ, पैर, वाणी, शरीर, मन और हृदय से किए गए Sins and Mistakes की क्षमा मांगते हैं। वे अपने Past and Future Sins के लिए भी Mercy Request करते हैं 🕉️। इस Divine Chanting का पाठ Lord Shiva को Pleased करता है, जो Trinity Destroyer माने जाते हैं और करोड़ों Hindu Devotees द्वारा मुख्य Deity रूप में पूजे जाते हैं। Shiva Worship के बाद Shiv Apradh Kshamapan Stotra का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। Lord Shiva’s Sacred Panchakshar Mantra "Na Ma Si Va Ya" इस Stotra में विशेष रूप से प्रतिष्ठित है, जिससे Sadhak के जीवन में Positive Transformation आता है और वह Spiritually Elevated होता है 🚩।Stotra
Bhagwan Shri Bholenath Arti (भगवान् श्री भोलेनाथ जी की आरती )
भगवान भोलेनाथ की आरती भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। इसमें भोलेनाथ के सरल स्वभाव, दयालुता और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है। Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Shankar, और Bholenath के नाम से भी जाना जाता है, के भक्त उनकी आरती गाकर दुखों का नाश, शांति, और मोक्ष की कामना करते हैं।Arti