No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Achyutashtakam || अच्युताष्टकम् : Full Lyrics with Benefits
Achyutashtakam (अच्युताष्टकम्)
Achyutashtakam भगवान Lord Vishnu की अष्टकशरण स्तुति है, जो उनके दिव्य रूप और Divine Qualities का वर्णन करती है। इस Hindu Devotional Stotra का Chanting करने से भक्तों को Spiritual Growth, Protection, और Blessings मिलती है। Lord Vishnu Worship से जीवन में Peace, Prosperity, और Positive Transformation आती है। इस Sacred Hymn के पाठ से Divine Grace प्राप्त होती है और हर संकट से मुक्ति मिलती है। Achyutashtakam का पाठ करने से भक्तों को Inner Peace और Happiness प्राप्त होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों के Spiritual Journey को उन्नति की ओर ले जाता है।अच्युताष्टकम्
(Achyutashtakam)
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥ 1 ॥
अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं
माधवं श्रीधरं राधिका राधितम् ।
इंदिरामंदिरं चेतसा सुंदरं
देवकीनंदनं नंदजं संदधे ॥ 2 ॥
विष्णवे जिष्णवे शंकने चक्रिणे
रुक्मिणी रागिणे जानकी जानये ।
वल्लवी वल्लभायार्चिता यात्मने
कंस विध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥ 3 ॥
कृष्ण गोविंद हे राम नारायण
श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे ।
अच्युतानंत हे माधवाधोक्षज
द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक ॥ 4 ॥
राक्षस क्षोभितः सीतया शोभितो
दंडकारण्यभू पुण्यताकारणः ।
लक्ष्मणोनान्वितो वानरैः सेवितो
अगस्त्य संपूजितो राघवः पातु माम् ॥ 5 ॥
धेनुकारिष्टकोऽनिष्टकृद्द्वेषिणां
केशिहा कंसहृद्वण्शिकावादकः ।
पूतनाकोपकः सूरजाखेलनो
बालगोपालकः पातु मां सर्वदा ॥ 6 ॥
विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वाससं
प्रावृडंभोदवत्प्रोल्लसद्विग्रहम् ।
वन्यया मालया शोभितोरःस्थलं
लोहितांघ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे ॥ 7॥
कुंचितैः कुंतलै भ्राजमानाननं
रत्नमौलिं लसत्-कुंडलं गंडयोः ।
हारकेयूरकं कंकण प्रोज्ज्वलं
किंकिणी मंजुलं श्यामलं तं भजे ॥ 8 ॥
अच्युतस्याष्टकं यः पठेदिष्टदं
प्रेमतः प्रत्यहं पूरुषः सस्पृहम् ।
वृत्ततः सुंदरं कर्तृ विश्वंभरः
तस्य वश्यो हरि र्जायते सत्वरम् ॥
॥ इति श्रीशंकराचार्यविरचितमच्युताष्टकं संपूर्णम् ॥
Related to Vishnu
Narayaniyam Dashaka 63 (नारायणीयं दशक 63)
नारायणीयं दशक 63 भगवान नारायण की अनंत महिमा और उनके दिव्य गुणों का गुणगान करता है।Narayaniyam-Dashaka
Bhaj Govindam (भज गोविन्दम्)
भज गोविन्दम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक भजन है, जो भगवान कृष्ण की स्तुति में गाया जाता है और भक्तों को भक्ति और साधना की शिक्षा देता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 67 (नारायणीयं दशक 67)
नारायणीयं दशक 67 भगवान नारायण की महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 47 (नारायणीयं दशक 47)
नारायणीयं दशक 47 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Gopal Krishna Dashavataram (गोपाल कृष्ण दशावतारम्)
गोपाल कृष्ण दशावतारम् भगवान विष्णु के दस अवतारों का वर्णन करता है, जो उनकी महिमा और लीलाओं का गुणगान करता है।Shloka-Mantra
Narayaniyam Dashaka 64 (नारायणीयं दशक 64)
नारायणीयं दशक 64 भगवान नारायण की महिमा और उनके दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 56 (नारायणीयं दशक 56)
नारायणीयं दशक 56 भगवान विष्णु के भक्तों के प्रति अनुग्रह और उनकी दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान विष्णु की महिमा और उनकी असीम कृपा का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka
Narayaniyam Dashaka 65 (नारायणीयं दशक 65)
नारायणीयं दशक 65 भगवान नारायण की अनंत कृपा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है।Narayaniyam-Dashaka