No festivals today or in the next 14 days. 🎉

चैत्र नवरात्रि 2025 का प्रारंभ कब होगा, घट स्थापना का क्या है मुहूर्त?

Chaitra Navratri 2025: Holi के बाद Gudi Padwa Festival का पर्व मनाया जाता है और तभी से Chaitra Navratri का 9 दिवसीय पर्व प्रारंभ होता है। Chaitra Month की Navratri 30 मार्च 2025 रविवार से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल को Rama Navami रहेगी। 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। 4 अप्रैल को Saptami और 5 अप्रैल 2025 को Durga Ashtami रहेगी। कई घरों में Maha Ashtami के दिन ही Parana हो जाता है जबकि कई घरों में Maha Navami को Parana होगा।
Ghatasthapana Muhurat - प्रात: 06:13 से सुबह 10:22 के बीच।
Ghatasthapana Abhijit Muhurat - दोपहर 12:01 से 12:50 के बीच।
Pratipada Tithi Start - 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे से।
Pratipada Tithi End - 30 मार्च 2025 को 12:49 बजे तक।
Udayatithi के अनुसार Chaitra Navratri Pratipada 30 मार्च को रहेगी।
वर्ष में चार Navratri Festivals होती हैं, उनमें से Chaitra Navratri पहली Navratri है। Chaitra Month Hindu Calendar का प्रथम माह होता है। इन दौरान Kuldevi Worship का महत्व रहता है जबकि Ashwin Month में Sharadiya Navratri के दौरान उत्सव और आराधना का पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा 2 Gupt Navratri होती हैं। Chaitra Navratri Puja या अधिकांश Rituals Sharadiya Navratri की तरह ही होते हैं। Sharadiya Navratri में Ghatasthapana Muhurat एवं Sandhi Puja Muhurat महत्वपूर्ण माना गया है जबकि Chaitra Navratri में भी इन Auspicious Timings की आवश्यकता होती है।
Kanya Pujan Vidhi (Kanya Puja Rituals):
- Navratri Navami पर Havan (Yagna) के बाद Kanya Pujan का खास महत्व रहता है।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्या Kumari Puja के लिए उपयुक्त होती हैं।
- सभी कन्याओं को Kusha Mat पर या लकड़ी के Wooden Seat पर बैठाकर उनके पैरों को Water या Milk से धोएं।
- फिर पैर धोने के बाद उनके पैरों में Mahavar लगाकर उनका Shringar (Adorn) करें और फिर उनके माथे पर Akshat (Rice Grains), Flowers और Kumkum Tilak लगाकर उनकी Puja and Aarti करें।
- इसके बाद सभी कन्याओं को Sacred Food Offering कराएं। साथ ही एक Languriya (Small Boy) को Kheer, Puri, Prasad, Halwa, Chana Sabzi आदि खिलाएं।
- भोजन कराने के बाद उन्हें Dakshina (Offering Money) दें, उन्हें Handkerchief, Chunri, Fruits, Toys देकर उनका Charan Sparsh (Feet Touching Ritual) करके उन्हें खुशी-खुशी विदा करें।

Related Blogs

Bhagavad Gita fifth chapter (भगवद गीता पांचवां अध्याय)

भगवद गीता पांचवां अध्याय "कर्म-वैराग्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण बताते हैं कि त्याग और कर्म के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। वे सिखाते हैं कि जब व्यक्ति फल की इच्छा छोड़े बिना कर्म करता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह अध्याय हमें "कर्मयोग" और "सन्यास" के बीच संतुलन बनाने का मार्ग दिखाता है।
Bhagwat-Gita

Shri Vishnu Chalisa (श्री विष्णु चालीसा)

विष्णु चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान विष्णु पर आधारित है। हिन्दू मान्यतानुसार भगवान विष्णु त्रिदेवों में से एक हैं। Vishnu Chalisa का पाठ विशेष रूप से Vaikuntha Ekadashi और अन्य पूजा अवसरों पर किया जाता है। यह divine protection और blessings प्राप्त करने का एक अत्यंत शक्तिशाली साधन है। Vishnu mantra जीवन में peace और spiritual growth को बढ़ावा देता है।
Chalisa

Shri Jwala-Kali Devi Ji Arti (श्रीज्वाला-काली देवीजी की आरती )

श्री ज्वाला देवी काली जी की आरती माँ काली और माँ ज्वाला की अद्वितीय शक्ति, तात्त्विक, और रौद्र रूप की स्तुति करती है। इसमें Maa Kali, जिन्हें Mahakali और Jwalamukhi के नाम से भी जाना जाता है, की रक्षा और बुराई का नाश करने वाली शक्ति का वर्णन है। आरती में माँ से संसार के दुख, भय और बुराई को नष्ट करने की प्रार्थना की जाती है।
Arti

Uddhava Gita - Chapter 7 (उद्धवगीता - सप्तमोऽध्यायः)

उद्धवगीता के सप्तमोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के महत्व पर चर्चा होती है।
Uddhava-Gita

Bajrang Baan

बजरंग बाण एक शक्तिशाली भक्ति गीत है जो विशेष रूप से हनुमान जी की शक्तियों और उनके द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा पर आधारित है। Hanuman mantra for protection के साथ यह गीत भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से बचाता है। Bajrang Ban का पाठ करते हुए भक्तों को strength और power का अनुभव होता है, जो उन्हें जीवन के कठिन समय में सहारा देता है।
Chalisa

Shri Ramdev Chalisa (श्री रामदेव चालीसा)

श्री रामदेव चालीसा एक भक्ति गीत है जो श्री रामदेव पर आधारित है। श्री रामदेव को, बाबा रामदेव, रामदेवजी, रामदेव पीर, और रामशा पीर के नाम से भी जाना जाता है। Ramdev Baba Chalisa benefits भक्तों को spiritual guidance, protection, और positivity प्रदान करती है। Ramdev Baba mantra जैसे "ॐ रामदेवाय नमः" का जाप करना भक्तों की समस्याओं को दूर करता है और मनोकामना पूर्ण करता है।
Chalisa

Shri Tulsi Chalisa (श्री तुलसी चालीसा)

तुलसी चालीसा देवी माता तुलसी को समर्पित है। पुराणों के अनुसार, देवी वृंदा ही तुलसी रूप में प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के समान ही प्रिय हैं। Tulsi Chalisa का नियमित पाठ करने से पापों का नाश, धन-संपदा, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह पाठ विशेष रूप से देव उठनी एकादशी, कार्तिक मास, और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर किया जाता है।
Chalisa

Devi Mahatayam Suktam (देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम्)

देवी माहात्म्यं देवी सूक्तम् (Devi Mahatayam Suktam) ॐ अहं रुद्रेभिर्वसुभिश्चराम्यहमादित्यैरुत विश्वदेवैः । अहं मित्रावरुणोभा बिभर्म्यहमिन्द्राग्नी अहमश्विनोभा ॥1॥ अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम् । अहं दधामि द्रविणं हविष्मते सुप्राव्ये यजमानाय सुन्वते ॥2॥ अहं राष्ट्री संगमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यज्ञियानाम् । तां मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा भूरिस्थात्रां भूर्यावेशयंतीम् ॥3॥ मया सो अन्नमत्ति यो विपश्यति यः प्राणिति य ईं शृणोत्युक्तम् । अमन्तवोमांत उपक्षियंति श्रुधि श्रुतं श्रद्धिवं ते वदामि ॥4॥ अहमेव स्वयमिदं वंदामि जुष्टं देवेभिरुत मानुषेभिः । यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ॥5॥ अहं रुद्राय धनुरातनोमि ब्रह्मद्विषे शरवे हंत वा उ । अहं जनाय समदं कृणोम्यहं द्यावापृथिवी आविवेश ॥6॥ अहं सुवे पितरमस्य मूर्धन् मम योनिरप्स्वंतः समुद्रे । ततो वितिष्ठे भुवनानु विश्वोतामूं द्यां वर्ष्मणोप स्पृशामि ॥7॥ अहमेव वात इव प्रवाम्यारभमाणा भुवनानि विश्वा । परो दिवापर एना पृथिव्यैतावती महिना संबभूव ॥8॥ ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥ ॥ इति ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तं समाप्तम् ॥ ॥तत् सत्॥
Sukt

Today Panchang

29 April 2025 (Tuesday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala