No festivals today or in the next 14 days. 🎉

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान जरूर घूमें ये 10 घाट, गंगा आरती से लेकर कई मनोरम दृश्यों का ले सकेंगे आनंद

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, जो इसे धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है। महाकुंभ के दौरान, लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। इस लेख में, हम प्रयागराज के 10 प्रमुख घाटों के बारे में बताएंगे, जो महाकुंभ के दौरान घूमने लायक हैं।
अगर आप कुंभ के दौरान प्रयागराज जा रहे हैं तो आपको इन घाटों पर जरूर जाना चाहिए। इन घाटों की सुंदरता और मनोरम दृश्य आपका मन मोह लेंगे।
संगम घाट:
संगम घाट प्रयागराज का सबसे पवित्र घाट है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं। महाकुंभ के दौरान, लाखों श्रद्धालु यहां आकर पवित्र स्नान करते हैं।
दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट प्रयागराज का एक और प्रमुख घाट है। यहां हर शाम गंगा आरती का भव्य आयोजन होता है, जो देखने लायक होता है।
अरैल घाट
अरैल घाट को साधु-संतों का घाट भी कहा जाता है। यहां कई आश्रम और मठ हैं, जहां साधु-संत रहते हैं।
राम घाट
राम घाट का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है। यहां एक सुंदर मंदिर भी है।
लक्ष्मी घाट
लक्ष्मी घाट को माता लक्ष्मी को समर्पित है। यहां माता लक्ष्मी का एक भव्य मंदिर है।
हनुमान घाट
हनुमान घाट भगवान हनुमान को समर्पित है। यहां भगवान हनुमान का एक विशाल मंदिर है।
श्रीवास्तव घाट
श्रीवास्तव घाट एक शांत और शांतिपूर्ण घाट है। यहां आप ध्यान और योग कर सकते हैं।
नरौरा घाट
नरौरा घाट एक ऐतिहासिक घाट है। यहां कई पुराने मंदिर और मस्जिदें हैं।
खुसरो बाग घाट
खुसरो बाग घाट को मुगल बादशाह जहांगीर के बेटे खुसरो ने बनवाया था। यहां एक सुंदर बाग भी है।
किला घाट
किला घाट प्रयागराज का एक ऐतिहासिक घाट है। यहां से आप प्रयागराज किले के खंडहर देख सकते हैं।
महाकुंभ के दौरान क्यों घूमें ये घाट?
महाकुंभ के दौरान, ये सभी घाट श्रद्धालुओं से गुलजार हो जाते हैं। यहां आप न केवल पवित्र स्नान कर सकते हैं बल्कि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, आप यहां की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी अनुभव कर सकते हैं।

Related Blogs

Shri Shrishail Mallikarjun Suprabhatam (श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम्)

श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम् भगवान मल्लिकार्जुन को समर्पित एक प्रार्थना है, जो भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रातःकालीन भजन के रूप में गाई जाती है।
Shloka-Mantra

Shiva Swarnamala Stuti (शिव स्वर्णमाला स्तुति)

Shiv Swarnamala Stuti (शिव स्वर्णमाला स्तुति) भगवान Shankar को समर्पित एक अत्यंत divine stotra है, जिसकी रचना Adi Guru Shankaracharya जी द्वारा की गई है। सभी Shiv Bhakt यह भली-भांति जानते हैं कि भगवान Shiva की कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है। इस stuti का recitation किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन Monday को इसका पाठ करना विशेष लाभकारी माना गया है, क्योंकि सोमवार का दिन Lord Shiva को अत्यंत प्रिय है। इस hymn के पाठ से भगवान Shankar शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को wish-fulfilling blessings प्रदान करते हैं, जिससे उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Stuti

Agni Suktam (अग्नि सूक्तम्) Rigved

अग्नि सूक्तम् ऋग्वेद में अग्नि देवता की महिमा का वर्णन करता है। यह सूक्त अग्नि के शक्ति, सौम्यता और आध्यात्मिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करता है।
Sukt

Shri Vishnu Panchayudha Stotram (श्री पंचायुध स्तोत्रम्)

भगवान Vishnu के 5 weapons हैं जो उनके भक्तों और पूरे universe को demons और प्रकृति के अन्य बुरे तत्वों के अत्याचारों से बचाने वाले माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी इन divine weapons की पूजा करता है, उसे बुरी आत्माओं और जीवन की सभी समस्याओं से protection का आशीर्वाद मिलता है। पांच weapons इस प्रकार हैं: 1. Conch (Shankha) 2. Disc (Chakra or Wheel) 3. Mace (Gada) 4. Sword (Asi or Talwar) 5. Bow and Arrow (Sharnga or Dhanush with Teer) प्रत्येक weapon के लिए एक-एक stotra है, जो इन पांचों divine weapons की महिमा और शक्तियों की प्रशंसा करता है, जिन्हें 'Panchayudha Stotra' के नाम से जाना जाता है।
Stotra

Narayan Suktam (नारायण सूक्तम्)

नारायण सूक्तम्: यह वेदों में भगवान नारायण को समर्पित एक सूक्त है।
Sukt

Kanakdhara Stotram (कनकधारा स्तोत्रम्)

कनकधारा स्तोत्रम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी के आशीर्वादों को बुलाने के लिए है। इस स्तोत्र का जाप करने से प्रचुरता, सफलता और वित्तीय स्थिरता प्राप्त होती है।
Stotra

Narayaniyam Dashaka 89 (नारायणीयं दशक 89)

नारायणीयं का नवासीवां दशक भगवान विष्णु के अनंत महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की दिव्यता और उनकी लीला का गुणगान किया गया है। भक्त भगवान की महिमा और उनकी असीम कृपा का अनुभव करते हैं।
Narayaniyam-Dashaka

Narayaniyam Dashaka 67 (नारायणीयं दशक 67)

नारायणीयं दशक 67 भगवान नारायण की महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है।
Narayaniyam-Dashaka

Today Panchang

12 March 2025 (Wednesday)

Sunrise06:34 AM
Sunset06:28 PM
Moonrise04:49 PM
Moonset06:03 AM, Mar 13
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala