No festivals today or in the next 14 days. 🎉

कुंभ मेला 2025: महाकुंभ और युद्ध का क्या है संबंध?

History of Kumbh and Conflict War and Earthquake: प्रत्येक तीन वर्षों में Kumbh Mela का आयोजन होता है। इस तरह Nashik, Prayagraj, Haridwar और Ujjain में तीन तीन वर्षों के चक्र के अनुसार प्रत्येक 12 years में पूर्ण Kumbh का आयोजन होता है। लेकिन मान्यता के अनुसार Prayagraj में प्रत्येक 144 years में Maha Kumbh का आयोजन होता है। 12 years बाद आने वाले Prayagraj Kumbh का संबंध conflict, earthquake, और war से जोड़कर भी देखा जाता रहा है। कहते हैं कि Sun पर प्रत्येक 11 years में भयानक solar explosions होते हैं, जिसके कारण धरती पर भी fire-related incidents बढ़ जाती हैं। जब भी Kumbh आने वाला रहता है, Kumbh Mela चल रहा होता है या Kumbh के समापन के बाद देश और दुनिया में बड़ी global upheavals देखी जा सकती है।
1396 का प्रयाग कुंभ:
Tamerlane's invasion: वर्ष 1310 के Maha Kumbh में Mahanirvani Akhara और Ramanandi Vaishnavas के बीच हुए झगड़े ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था। इसके बाद वर्ष 1398 के Ardh Kumbh में तो Tamerlane ने अचानक से ही attack कर दिया था, जिसके चलते कई जानें गई थीं।
1796 का प्रयाग कुंभ:
वर्ष 1760 में Shaiva Sannyasis व Vaishnav Bairagis के बीच संघर्ष हुआ था। 1796 के Kumbh में Shaiva Sannyasis और Nirmala Sampradaya आपस में भिड़ गए थे। 1760 में, Battle of Wandiwash भारत में Britain और France के बीच की लड़ाई थी। इसी के साथ ही 1796 में France और Austria के बीच कई लड़ाइयां हुईं। Sumatra के पास France और Britain के बीच naval battles हुईं। Napoleon Bonaparte ने Mincio River के पूर्वी किनारे पर La Favorita में युद्ध लड़ा। Napoleon ने Lodi Bridge के युद्ध में Austria को हराया। Spain ने England पर war declaration की।
1942 का प्रयाग कुंभ:
इस दौरान World War II चल रहा था। साल 1942 में Quit India Movement शुरू हुआ था। इसके अलावा, इस साल यूरोप में Germany ने Holocaust के तहत यहूदियों को नष्ट करने की योजना बनाई थी। अप्रैल में लाखों यहूदियों को जला दिया। इसे Holocaust कहा गया। इस वर्ष Fall of Singapore हुआ। US Navy ने Battle of Midway में Japanese Navy को हरा दिया, जो Pacific Theater में युद्ध का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
1954 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष यानी 1954 को हुए Kumbh Mela में भगदड़ से करीब 800+ people मारे गए और 2000+ लोग घायल हुए। 1954 में USA ने Bikini Atoll पर hydrogen bomb testing किया था। इसे उस समय तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट बताया गया था। Austria में avalanche में 200+ लोग मारे गए। Algeria के दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र Orléansville में earthquake से 1400+ deaths हुईं।
1965 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष 1965 में India-Pakistan War हुआ जिसे Second Kashmir War के नाम से भी जाना जाता है। Maldives ने British Rule से आज़ादी हासिल की। Selma, Alabama में, Martin Luther King Jr. ने civil rights protesters का नेतृत्व किया और Voting Rights Act 1965 को पारित करने के लिए एक march निकाला। दूसरी ओर Vietnam War बढ़ गया, क्योंकि US President Lyndon B. Johnson ने लगातार air strikes शुरू कर दिए।
1977 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष 1977 का Kumbh Mela भारत में Emergency Period के तुरंत बाद हुआ था। भारत में Emergency लगी थी। Pakistan की military coup में प्रधानमंत्री Zulfikar Ali Bhutto सत्ताच्युत एवं गिरफ्तार, वहाँ General Zia-ul-Haq ने सत्ता संभाली। Arab Alliance का गठन Egypt के विरुद्ध हुआ। China और USA के बीच तनाव के साथ Soviet Union की घरेलू राजनीति में उथल पुथल का दौर रहा।
1986 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष 1986 के Kumbh में भारत में Ram Mandir Movement की नींव रखी गई थी। इस कुंभ के बाद ही भारत की राजनीति में उथल पुथल प्रारंभ हो चली थी। साल 1986 में Ayodhya में Ram Janmabhoomi-Babri Masjid dispute में विवादित स्थल का lock opened किया गया था। Cape Canaveral, Florida से उड़ान भरने के बाद अमेरिकी Space Shuttle Challenger explosion हुआ और सभी seven astronauts मारे गए। San Salvador में 7.5 magnitude earthquake में 1,500 deaths हुईं।
2001 प्रयाग कुंभ:
वर्ष 2001 के Kumbh Mela में करीब 7 crore pilgrims ने holy dip लिया था। इसी साल 11 September को Al-Qaeda ने attack on America किया था। इस हमले में World Trade Center twin towers गिरे थे। इस हमले के बाद Global War on Terror की शुरुआत हुई थी। इस साल Bhuj, Gujarat में 7.7 magnitude earthquake आया था। इस भूकंप में लाखों लोगों की मौत हो गई थी।
2013 प्रयाग कुंभ:
2013 के Kumbh Mela में Mauni Amavasya के दिन railway station stampede में 36+ deaths हो गई थीं। भारत ने China की तरफ से हो रही incursion attempts का मुंहतोड़ जवाब दिया। Egyptian military ने राष्ट्रपति Mohammed Morsi का तख्तापलट किया। इस वर्ष बड़े earthquakes और terrorist attacks से सभी का दिल दहल गया था।

Related Blogs

Mahamrityunjaya Mantra (संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र)

महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख Rigveda से लेकर Yajurveda तक में मिलता है। वहीं Shiv Puran सहित अन्य scriptures में भी इसका importance बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो death को जीतने वाला हो। इसलिए Lord Shiva की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का chanting किया जाता है। इसके chanting से संसार के सभी sufferings से liberation मिलती है। ये मंत्र life-giving है। इससे vitality तो बढ़ती ही है साथ ही positivity बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के effect से हर तरह का fear और tension खत्म हो जाती है। Shiv Puran में उल्लेख किए गए इस मंत्र के chanting से आदि शंकराचार्य को भी life की प्राप्ति हुई थी।
Mantra

Shri Gayatri Kavacham (श्री गायत्री कवचम्‌)

श्री Gayatri Kavach एक महान Kavach है जिसे स्वयं भगवान Shri Narayana ने Maharishi Narada को सिखाया और Maharishi Ved Vyasa द्वारा इसे रचित किया गया। Shri Gayatri Kavach का उल्लेख Shrimad Devi Bhagavata Purana के 12वें Skandha के तीसरे अध्याय में किया गया है। भगवान Sriman Narayana ने Maharishi Narada को Devi Gayatri के इस दिव्य Kavach की महिमा और इसे जपने से मिलने वाले Punya के बारे में बताया। भगवान ने कहा कि इस पवित्र Kavach का पाठ करने से साधक के समस्त Pap नष्ट हो जाते हैं, सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, और साधक को Moksha की प्राप्ति होती है। भगवान Sriman Narayana ने आगे बताया कि Devi Gayatri का यह दिव्य Kavach सभी बाधाओं और बुराइयों को नष्ट करने में सक्षम है। यह साधक को 64 प्रकार के Knowledge (Art Forms) प्रदान करने और Moksha देने में समर्थ है। इसके अलावा, जो भी व्यक्ति Gayatri Kavach का पाठ करता है या इसकी महिमा को सुनता है, वह एक हजार Gau-Daan (एक हजार Cows का दान) के बराबर Punya प्राप्त करता है। इस प्रकार Shri Gayatri Kavach एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली रचना है, जो जीवन के सभी कष्टों को समाप्त कर, साधक को Divinity और Moksha की ओर ले जाती है।
Kavacha

Adhyayan Mantra (अध्ययन मंत्र)

अध्ययन मंत्र विद्या (Knowledge) और बुद्धि (Wisdom) प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाने वाला पवित्र मंत्र है। यह मंत्र सरस्वती देवी (Goddess of Learning) की कृपा प्राप्त कर मनोयोग (Focus) और स्मरण शक्ति (Memory Power) बढ़ाने में सहायक है। इसके जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा (Spiritual Energy) और आत्मविश्वास (Confidence) मिलता है, जो शिक्षा (Education) और सफलता (Success) की ओर मार्गदर्शन करता है। अध्ययन मंत्र छात्र और साधकों के लिए प्रेरणा और सकारात्मकता (Positivity) का स्रोत है।
Mantra

Narmada Stuti (नर्मदा स्तुति)

नर्मदा स्तुति माँ Narmada river की महिमा का गुणगान करती है, जो nature goddess के समान पूजनीय मानी जाती हैं। Hindu culture में, इसे Ganga और Yamuna जैसी sacred rivers की तरह revered किया गया है। यह स्तुति salvation प्राप्त करने, sins का नाश करने और peace व prosperity लाने का माध्यम है। माँ नर्मदा की पूजा divine energy और environmental protection की प्रेरणा देती है। उनकी महिमा से जीवन में positivity और blessings का संचार होता है।
Stuti

Shri Vishnu Stotra (श्री विष्णु स्तोत्र)

Shri Vishnu Stotra (श्री विष्णु स्तोत्र): श्री विष्णु स्तोत्र हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित पवित्र स्तोत्रों (sacred chants) में से एक है। यह एक शक्तिशाली और लोकप्रिय माध्यम (powerful and popular medium) है जो लक्ष्य (goal) और मुक्ति (salvation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। इस स्तोत्र का पाठ (chanting) मानव समस्याओं (human problems) से छुटकारा पाने का समाधान है। भगवान (God) की महिमा महान है। वे सद्गुणों (virtues), ज्ञान (knowledge) और वैराग्य (dispassion) से संपन्न हैं। भगवान की आराधना (worship) करने से हमें संसार से लगाव (obsessions with the world) से मुक्ति मिलती है और हम एक प्रकार की मुक्ति (freedom) का अनुभव करते हैं। जैसे नदी समुद्र (sea) में विलीन हो जाती है और उसकी पहचान समाप्त हो जाती है, उसी प्रकार जब हम परमात्मा (Almighty) से एक हो जाते हैं, तो हमें परम आत्मा (supreme self) की प्राप्ति होती है। भगवान के दिव्य रूपों (divine forms) का चिंतन करने और उनके पवित्र नाम (sacred name) का जप करने से हमारी इंद्रियां (senses) उच्च स्तर (higher level) पर पहुंच जाती हैं। इससे हम आध्यात्मिकता (spirituality) की राह पर आगे बढ़ते हैं और अपनी यात्रा (journey) शुरू करते हैं।
Stotra

Shri Shitalashtakam Stotram (श्री शीतला अष्टकम स्तोत्रम्)

श्री शीतलाष्टकम् स्तोत्रम् देवी Shitala Mata की स्तुति है, जो Hindu religion में disease healing और health goddess के रूप में पूजनीय हैं। इस स्तोत्र का पाठ smallpox और अन्य infectious diseases से protection पाने के लिए किया जाता है। इसे peace, prosperity और divine blessings प्राप्त करने का माध्यम माना गया है। Shitala Devi की पूजा से health, hygiene और spiritual energy का संचार होता है। यह स्तोत्र भक्तों को negativity से मुक्त कर सकारात्मकता प्रदान करता है।
Devi-Stotra

Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)

श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।
Sukti

Parvati Stuti (पार्वती स्तुति)

पार्वती स्तुति देवी पार्वती (Parvati), जिन्हें "goddess of power" और "divine mother" कहा जाता है, की महिमा का वर्णन करती है। यह स्तुति उन्हें "goddess of fertility," "love," और "beauty" के रूप में प्रस्तुत करती है। देवी पार्वती, भगवान शिव (Shiva) की अर्धांगिनी, शक्ति (Shakti) और सृष्टि की मूल ऊर्जा (cosmic energy) की प्रतीक हैं। स्तुति में उनकी कृपा से "prosperity," "spiritual growth," और "peace" की प्राप्ति का वर्णन है। पार्वती को "mother goddess" और "symbol of compassion" माना जाता है, जो भक्तों के दुखों को हरती हैं और उन्हें "divine blessings" से परिपूर्ण करती हैं।
Stuti

Today Panchang

12 March 2025 (Wednesday)

Sunrise06:34 AM
Sunset06:28 PM
Moonrise04:49 PM
Moonset06:03 AM, Mar 13
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala