No festivals today or in the next 14 days. 🎉

Holi 2025: 13 को होलिका दहन के बाद 14 को छोड़कर 15 मार्च को ही क्यों मनाई जाएगी रंगों की होली? जानिए कारण!

When is Holi 2025?: 7 मार्च 2025 से Holashtak 2025 प्रारंभ हो गए हैं। 13 मार्च को रात 10:44 बजे के बाद Holika Dahan होगा। मान्यता के अनुसार Holika Dahan 2025 के दूसरे दिन Holi Festival मनाया जाता है जिसे Dhulandi भी कहते हैं। यानी 14 March Holi 2025 खेली जानी चाहिए, परंतु कुछ ज्योतिषी कह रहे हैं कि Holi 2025 Date 14 नहीं, बल्कि 15 March Holi Celebration होगी। ऐसा क्यों? आइए जानते हैं Correct Date of Holi 2025।
Phalgun Purnima Tithi for Holika Dahan
- Holika Dahan on Purnima Night होता है। Delhi Time के अनुसार 13 March 2025 at 10:35 AM पर Purnima Tithi Start होगी और अगले दिन 14 March 2025 at 12:23 PM पर समाप्त होगी। Panchang Differences and Local Timing के अनुसार तिथि में 1 से 5 मिनट तक का अंतर हो सकता है।
- कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 14 March Afternoon में Pratipada Tithi मानकर Holi Playing सही है, जबकि कुछ का मानना है कि Udaya Tithi के अनुसार 15 March Holi Festival 2025 मनानी चाहिए।
Why Some Regions Celebrate Holi on 15 March?
- Udaya Tithi System के अनुसार Holika Dahan Purnima Tithi में और Holi Celebration Phalgun Krishna Paksha Pratipada में मनाने की परंपरा है।
- Mithila Region Holi 2025 15 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि बाकी क्षेत्रों में 14 March Holi Festival रहेगा।
- Shastra and Astrological View के अनुसार Holika Dahan Purnima Night में होता है, इसलिए 13 March Night Holika Dahan के बाद 14 March Holi 2025 Date को Dhulandi Festival मनाना सही होगा, क्योंकि Holi Playing Festival रात का नहीं, बल्कि दिन का त्योहार है।

Related Blogs

Shrimad Bhagwad Gita Parayaan - Chapter 16 (श्रीमद्भगवद्गीता पारायण - षोडशोऽध्यायः)

श्रीमद्भगवद्गीता का षोडशो अध्याय दैवासुर संपद्विभाग योग के नाम से जाना जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण दैवी और आसुरी गुणों की व्याख्या करते हैं।
Shrimad-Bhagwad-Gita-Parayaan

Durga Saptashati (दुर्गासप्तशती) 1 chapter (पहला अध्याय)

दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठके नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का पहला अध्याय "मधु और कैटभ का वध" पर आधारित है।
Durga-Saptashati

Bhagavad Gita Thirteenth Chapter (भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय)

भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय "क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विवेक योग" है। इसमें श्रीकृष्ण ने क्षेत्र (शरीर) और क्षेत्रज्ञ (आत्मा) के बीच के अंतर को समझाया है। वे बताते हैं कि शरीर नश्वर है, जबकि आत्मा अमर और शाश्वत है। यह अध्याय "आत्मा और शरीर", "अध्यात्म का विज्ञान", और "सत्य ज्ञान" की महत्ता को प्रकट करता है।
Bhagwat-Gita

Panchdev Dhyaan Mantra (पंचदेव ध्यान मंत्र )

Panchdev Dhyaan Mantra का जाप करने से divine blessings, spiritual balance, और positive energy प्राप्त होती है। Panchdev में Lord Ganesha, Lord Shiva, Goddess Durga, Lord Vishnu, और Lord Surya की उपासना की जाती है, जिससे peace of mind, success in life, और protection from negative energy मिलती है। Om Gan Ganapataye Namah, Om Namah Shivaya, Om Dum Durgaye Namah, Om Namo Bhagavate Vasudevaya, और Om Suryaya Namah जैसे powerful Panchdev Mantra का जाप करने से good fortune, wealth prosperity, और mental strength प्राप्त होती है। विशेष रूप से Diwali, Navratri, Ganesh Chaturthi, Mahashivratri, और Makar Sankranti के दिन इन मंत्रों का जाप करने से success, health, and happiness मिलती है।
Dhayan-Mantra

Mrit Sanjeevani Kavach (मृत संजीवनी कवच)

मृतसंजीवनी स्त्रोत्र ऐसा माना जाता है कि इसे परमपिता ब्रह्मा के पुत्र महर्षि वशिष्ठ ने लिखा था। 30 श्लोकों का यह स्त्रोत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनके कई अनजाने पहलुओं पर प्रकाश डालता है। जो कोई भी इस स्त्रोत्र का पूर्ण चित्त से पाठ करता है, उसे जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता।
Kavacha

Bhagavad Gita Nineth Chapter (भगवद गीता नौवाँ अध्याय)

भगवद गीता नौवां अध्याय "राज विद्या राज गुह्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण भक्ति के महत्व को बताते हैं और इसे सबसे गोपनीय ज्ञान कहते हैं। वे यह भी समझाते हैं कि जो व्यक्ति ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखता है, वह उनके विशेष कृपा का पात्र बनता है। यह अध्याय "भक्ति योग", "ईश्वर की कृपा", और "गुप्त ज्ञान" को उजागर करता है।
Bhagwat-Gita

Brahmasukti (ब्रह्मसूक्ति )

ब्रह्मसुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो ब्रह्मा (Creator God) की सृष्टि की शक्ति (Creative Power) और ज्ञान का वर्णन करता है। इसमें ब्रह्मा की भूमिका को सृष्टि के रचनाकार (Cosmic Creator) के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो वेदों (Vedas) और ज्ञान के स्रोत (Source of Wisdom) के प्रतीक हैं। यह ग्रंथ व्यक्ति को आध्यात्मिक जागृति (Spiritual Awakening) और जीवन के मूल उद्देश्य (Purpose of Life) को समझने की प्रेरणा देता है। ब्रह्मसुक्ति में ब्रह्मा के मंत्रों (Mantras), उनकी कृपा (Divine Grace), और सत्कर्मों (Righteous Deeds) के महत्व को बताया गया है, जो व्यक्ति को सफलता (Success) और आत्मिक संतुलन (Inner Balance) की ओर ले जाते हैं।
Sukti

Shri Mahakali Chalisa (श्री महाकाली चालीसा)

महाकाली चालीसा माँ महाकाली को समर्पित है। माँ काली को time goddess, Shyama, और Kapalini कहा जाता है। Kali mantra for protection जैसे "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
Chalisa

Today Panchang

29 April 2025 (Tuesday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala