No festivals today or in the next 14 days. 🎉

महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजन विधि: संपूर्ण जानकारी और आवश्यक सामग्री

Mahashivratri Vrat and Puja Vidhi: भगवान Shiva हिंदुओं की प्रमुख आराध्य deity हैं। Mahashivratri festival शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। Hindu Puranas के अनुसार इस दिन भगवान Shiva का प्राकट्य और विवाह दोनों हुआ था। इसीलिए इस विशेष दिन Lord Shiva worship का महत्व बहुत अधिक है। Mantrashala पर आज हम आपको बताते हैं Mahashivratri Vrat Vidhi की सही और प्रामाणिक विधि। साथ ही जानिए कैसे करनी चाहिए Shiva Puja और उन्हें क्या अर्पित करना चाहिए।
Shivratri से एक दिन पूर्व Trayodashi Tithi में Shiv Ji Puja करनी चाहिए और Vrat Sankalp लेना चाहिए। इसके उपरांत Chaturdashi Tithi को Nirahar Vrat रखना चाहिए। Mahashivratri के दिन भगवान Shiva को Ganga Jal Abhishek करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
Mahashivratri Puja Vidhi: इस दिन Shivling Abhishek को Panchamrit Snan कराकर 'Om Namah Shivay' मंत्र से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद Ratri ke Chaar Prahar Puja करनी चाहिए और अगले दिन प्रातःकाल Brahmin Daan Dakshina देकर Vrat Parana करना चाहिए।
Vrat Vidhan:
नित्य नैमित्यक क्रिया शौचादि से निवृत्ति के वाद व्रत का संकल्प,पूजन हवन, शिव अभिषेक नमक-चमक से, ब्रह्मचर्य का पालन, अक्रोध, श्रद्धा भक्ति।
Puja Samagri:
Scented Flowers, Bilva Patra, Dhatura, Bhang, Ber, Aamra Manjari, Jau ki Baal, Mandaara Flowers, Cow Milk, Sugarcane Juice, Curd, Pure Desi Ghee, Honey, Holy Ganga Water, Sacred Water, Camphor, Incense Sticks (Dhoop), Deepak, Rui Batti, Chandan, Five Fruits, Panch Mewa, Panch Ras, Ittar, Gandh Roli, Mouli Janeyu, Shiv Parvati Shringar Samagri, Vastra Abhushan, Gold, Silver, Dakshina Puja Ke Bartan, Kushasan आदि।
Vrat and Puja Mantra:
ॐ नमः शिवाय का जाप या मनन श्रद्धा व ध्यान से।
Bilva Patra चढ़ाने का मंत्र:
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय।
इसके बाद Shivratri Vrat Katha का वाचन करें। Mriga aur Shikari Ki Katha, Shivling Prakat Katha, तथा Shiv Puran Katha पढ़नी चाहिए।
इस प्रकार Mahashivratri Vrat and Puja विधि को अपनाकर Lord Shiva Blessings प्राप्त कर सकते हैं।

Related Blogs

Hanuman Mala Mantra (हनुमान् माला मन्त्रम्)

हनुमान् माला मन्त्रम् भगवान हनुमान को समर्पित शक्तिशाली मंत्रों की एक श्रृंखला है, जो अक्सर माला (जपमाला) का उपयोग करके जपा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से सुरक्षा, शक्ति और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त होता है।
MahaMantra

Shri Gangashtakam Stotra श्री गङ्गाष्टकम् स्तोत्र

श्री गंगाष्टकम् स्तोत्र पवित्र गंगा नदी (River Ganga) की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है। इसे माँ गंगा (Goddess Ganga) की स्तुति में रचा गया है, जो पापनाशिनी (Remover of Sins) और मोक्षदायिनी (Bestower of Salvation) के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्र भक्तों को पवित्रता (Purity), आध्यात्मिक ऊर्जा (Spiritual Energy) और दिव्य कृपा (Divine Blessings) प्रदान करता है। श्री गंगाष्टकम् का पाठ करने से व्यक्ति को सकारात्मकता (Positivity) और शुद्धि (Cleansing) का अनुभव होता है। माँ गंगा की स्तुति भक्तों को पवित्र जल (Sacred Waters) के महत्व का बोध कराती है और उन्हें दिव्य शक्ति (Divine Power) और आध्यात्मिक जागरूकता (Spiritual Awareness) की ओर अग्रसर करती है। श्री गंगाष्टकम् माँ गंगा की अनंत कृपा को पाने का सरल और प्रभावी माध्यम है।
Devi-Stotra

Shri Baglamukhi Chalisa (श्री बगलामुखी चालीसा)

श्री बगलामुखी चालीसा देवी बगलामुखी माँ को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इसे पढ़ने से शत्रु नाश, कर्ज से मुक्ति, और कोर्ट केस में जीत प्राप्त होती है। Baglamukhi, जिन्हें Durga के रूप में पूजा जाता है, का आशीर्वाद नकारात्मक शक्तियों का नाश करके जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि लाता है।
Chalisa

Bhagavad Gita Eighth Chapter (भगवद गीता आठवां अध्याय)

भगवद गीता आठवां अध्याय "अक्षर ब्रह्म योग" के रूप में प्रसिद्ध है। इसमें श्रीकृष्ण मृत्यु, आत्मा, और परम ब्रह्म के रहस्यों को उजागर करते हैं। वे बताते हैं कि जो व्यक्ति अंतिम समय में ईश्वर का स्मरण करता है, वह उनके परम धाम को प्राप्त करता है। यह अध्याय "अक्षर ब्रह्म", "मोक्ष का मार्ग", और "ध्यान का महत्व" पर आधारित है।
Bhagwat-Gita

Bhagavad Gita Nineth Chapter (भगवद गीता नौवाँ अध्याय)

भगवद गीता नौवां अध्याय "राज विद्या राज गुह्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण भक्ति के महत्व को बताते हैं और इसे सबसे गोपनीय ज्ञान कहते हैं। वे यह भी समझाते हैं कि जो व्यक्ति ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखता है, वह उनके विशेष कृपा का पात्र बनता है। यह अध्याय "भक्ति योग", "ईश्वर की कृपा", और "गुप्त ज्ञान" को उजागर करता है।
Bhagwat-Gita

Shri Parvati Chalisa (श्री पार्वती चालीसा)

श्री पार्वती चालीसा देवी पार्वती माँ को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इसका नियमित पाठ करने से वैवाहिक जीवन में सुख, परिवार में शांति, और सौभाग्य का आगमन होता है। Parvati, जिन्हें Shiva की पत्नी और Durga का रूप माना जाता है, का यह चालीसा मनोकामना पूर्ति, आध्यात्मिक शक्ति, और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
Chalisa

Bhagwan Kailashwashi Arti (भगवान् कैलासवासी आरती )

शीश गंग अर्धन्ग पार्वती भगवान कैलाशवासी की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Lord Kailashnath और उनकी अर्धांगिनी Goddess Parvati के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वर्णन है। यह आरती Shiva-Parvati के मिलन और उनके दिव्य रूप की स्तुति करती है।
Arti

Shiv Manas Puja Stotra (शिवमानसपूजा)

शिवमानसपूजा श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अद्वितीय स्तोत्र है। इसमें भक्त अपने मन में भगवान शिव के लिए पूजा की सभी सामग्री और विधियों की कल्पना करता है और श्रद्धा और भक्ति के साथ उन्हें अर्पित करता है। यह स्तोत्र आस्था और भावना की प्रधानता को रेखांकित करता है और उन लोगों के लिए एक नेत्र खोलने वाला संदेश है जो केवल अनुष्ठानों पर जोर देते हैं। इस स्तोत्र के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि विश्वास और नियत, बाहरी अनुष्ठानों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। शिवमानसपूजा आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का मार्ग है।
Stotra

Today Panchang

29 April 2025 (Tuesday)

Sunrise07:15 AM
Sunset05:43 PM
Moonrise03:00 PM
Moonset05:52 AM, Jan 12
Shaka Samvat1946 Krodhi
Vikram Samvat2081 Pingala