Shandilyopanishad Chapter 1 Part 10 (शाण्डिल्योपानिषद प्रथम अध्याय–दासवाँ खण्ड)

प्रथमाध्याये-दशमः खण्डः प्र रथम अध्याय–दासवाँ खण्ड अथ ध्यानम्। तद्विविधं सगुणं निर्गुणं चेति। सगुणं मूर्तिध्यानम्। निर्गुणमात्मया थात्म्यम् ॥१॥ अब इसके बाद ध्यान को बतलाते हैं-यह दो प्रकार का होता है, प्रथम-निर्गुण एवं द्वितीय-सगुण। मूर्ति का चिन्तन करना सगुण कहलाता है तथा आत्मा के स्वरूप का ध्यान करना निर्गुण कहलाता है ॥१॥

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